रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगी सरकार, इन हथियारों के आयात पर लगेगा प्रतिबंध

कोरोना संकट के बीच भारत सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने पर पूरा जोर लगा रही है. रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कई हथियार प्रणाली, लड़ाकू विमान और गोला बारूद समेत 101 रक्षा संबंधी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. जिन सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाना है, उनकी सूची भी बना ली गई है.

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की अध्यक्षता में विभाग उन सैन्य सामानों की सूची तैयार कर रहा है, जिनके आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही उन स्वदेशी सैन्य सामानों की भी लिस्ट तैयार की जा रही है, स्वदेशी रक्षा उद्योग तैयार कर रहे हैं. इसके लिए स्वदेसी रक्षा उद्योग के मुखियाओं से बात भी की जा रही है. इस महीने के अंत तक जारी होने की संभावना है.

खासकर गोला-बारूद के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर एक प्रमुख ध्यान दिया जाएगा क्योंकि यह हमारी रक्षा तैयारियों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास कर रही है कि छोटी और बड़ी दोनों तरह की कंपनियों सहित भारतीय रक्षा निर्माताओं को प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का सामना न करना पड़े और रक्षा में कारोबार करने में आसानी बढ़े.

सूत्रों ने बताया कि देश के रक्षा उद्योग क्षेत्र के लोगों से बात कर इस योजना के बारे में बताया जा रहा है. उन्हें एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी ताकि देश में गोला बारूद समेत अन्य सैन्य सामानों का भरपूर मात्रा में उत्पादन किया जा सके. इससे भारत को दूसरे देश में पैसा जाने पर रोक लगेगी, जैसा कि पिछले दिनों संकट के वक्त पाकिस्तान और चीन ने भारत से पैसा लिया था.

भारतीय सेना को इज़राइल से तोपखाने की तोपों की खरीद के लिए एक संभावित सौदे को रोक दिया और अब DRDO की तरफ से विकसित और टाटा-कल्याणी संयोजन की तरफ से निर्मित ATAGS नामक एक स्वदेशी बंदूक प्रणाली पर समीक्षा की जा रही है.इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काआत्मनिर्भर भारत पर जोर रहेगा, जानकारी के मुताबिक आयात रोकने से भारत में ही हथियार तैयार करके नौकरी के अवसर को बढ़ावा मिलेगा, और दूसरों देशों में हथियार दिए जाएंगे.

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