ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के ड्रीम वैली फेस-2 प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से अब तक आठ मजदूरों की मौत हो चुकी है। हादसे में घायल चार और मजदूरों ने शनिवार को दम तोड़ दिया। कल हादसे में चार लोगों की मौत गई थी। अभी तक की जांच में सामने आया है कि आम्रपाली के ड्रीम वैली फेस-2 प्रोजेक्ट में हुए हादसे के जिम्मेदार लोगों ने जर्जर लिफ्ट में चढ़ाकर मजूदरों को मौत के मुंह में धकेला दिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनबीसीसी के अधिकारियों पर सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करने की बात सामने आई है।
लिफ्ट में तकनीकी खामी आने पर पहले भी मजदूरों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी। इसके बावजूद न तो लिफ्ट बदलवाई गई और न ही मरम्मत कराई गई। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर जारी संदेश में हादसे में हुई जनहानि पर गहरा शोक प्रकट किया गया। एक्स हैंडल संवेदना प्रकट करते हुए घायलों का उपचार कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को इलाज के दौरान लिफ्ट ऑपरेटर कन्नौज के छिबरामऊ निवासी कुलदीप पाल, बिहार के असुल मुस्तकीम और अब्दुल मुस्तकीम व अमरोहा के अरबाज अली की मौत हो गई। ग्रेनो वेस्ट के टेकजोन-4 स्थित आम्रपाली के निर्माणाधीन साइट पर मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। हादसे के कारणों का विभिन्न टीम जांच कर रही हैं।
पुलिस की प्राथमिक जांच व मजदूरों से पूछताछ में घोर लापरवाही सामने आई है।मजदूरों ने बताया है कि जो लिफ्ट हादसे का शिकार हुई वह काफी पुरानी और जर्जर थी। तकनीकी खामी आने पर वह पहले भी खराब हो चुकी थी। इसमें सवार होने पर हादसे और जान जाने का डर सताता रहता था। इसकी जानकारी परियोजना अधिकारियों को भी दी गई थी।
लेकिन श्रमिकों की न तो कंस्ट्रक्शन कंपनी और न ही एनबीसीसी अधिकारी ने सुनीं।मजदूरों का आरोप है कि अधिकारियों ने सुरक्षा के उपकरणों का भी पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किया गया था। हादसे के बाद मजदूर हादसाग्रस्त लिफ्ट में तड़पते रहे। उनका कहना है कि चीख पुकार सुनकर पहुंचे अन्य श्रमिकों की मदद से लगभग आधे घंटे बाद उन्हें निकालकर अस्पताल ले जाया गया। मजदूरों का कहना है कि समय पर उपचार मिलता तो शायद चार मजदूरों की जान नहीं जाती।