गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने अपने पद से दिया इस्तीफा

गुजरात में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress) के प्रभारी रघु शर्मा  ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को लिखे पत्र में राज्य में मिली हार की जिम्मेदारी ली है. 

गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा, “मैं गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी हार की जिम्मेदारी लेता हूं और इस वजह से मैं अपने प्रभारी पद से इस्तीफा दे रहा हूं. आपसे प्रार्थना है कि मेरा गुजरात प्रभारी पद से इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें”.

गुजरात चुनाव परिणामों में राज्य में पिछले 27 सालों से सत्तारूढ बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाने के ओर अग्रसर है.गुजरात चुनाव परिणामों में राज्य में पिछले 27 सालों से सत्तारूढ़ बीजेपी एक बार फिर से प्रदेश में सरकार बनाने के ओर अग्रसर है तो वहीं कांग्रेस को 2017 के चुनावों से भी कम सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. कांग्रेस की राज्य में कई विधानसभा सीटों पर करारी हार हुई है.

3 बजकर 50 मिनट पर खबर लिखे जाने तक निर्वाचन आयोग के मुताबिक कांग्रेस ने 182 सीटों में महज 7 सीटों पर ही जीत हासिल की है तो वहीं 9 सीटों पर वह लीड कर रही है. तो वहीं बीजेपी ने 73 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और वह 85 सीटों पर लीड कर रही है. 

जिग्नेश मेवाणी की जीत पर कशमकश
गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी की सीट पर कांटे की टक्कर चल रही है. उको गुजरात कांग्रेस का युवा नेता माना जाता है. जिग्नेश मेवाणी 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे और उस दौरान कांग्रेस ने उनको बाहर से समर्थन दिया था.

बीजेपी उम्मीदवार मणिभाई वाघेला पहले कांग्रेस में ही थे और 2017 में टिकट नहीं मिलने के बाद वह बीजेपी में चले गए थे. बाघेला 2012 से 2017 तक वडगाम के विधायक थे. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस सीट से दलपत भाटिया को अपना उम्मीदवार बनाया था. 

इन सीटों पर बीजेपी ने रचा इतिहास
बीजेपी ने इस बार उन चुनाव में भी जीत हासिल की है जिसमें वह कभी चुनाव नहीं जीती थी. इन सीटों पर कभी कांग्रेस का कब्जा रहा तो कभी निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की लेकिन इस बार बाजी पलट गई. बोरसद, झगडिया, व्यारा, गरबाडा ये वो चार विधानसभा सीटें हैं जिनमें हमेशा से गैर बीजेपी पार्टी और उम्मीदवारों का ही डंका रहा है लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया. बीजेपी ने यहां चुनाव जीत लिया है. 

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