बच्चे की चाह कभी-कभी इंसान को सीरियल किलर भी बना देता है। उसे पता नहीं चलता कि कब वह हत्यारा बन गया। ग्वालियर में बच्चे के लिए एक सप्ताह में दो कॉल गर्ल को नरबलि देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इतना ही नहीं दोनों कॉल गर्ल की नरबलि देने से पहले इस वारदात का मास्टरमाइंड नीरज परमार ने शारीरिक संबंध बनाया था। इसके बाद उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। यही नहीं, तांत्रिक भी शातिर और हाईटेक है। दोनों बलि के समय वह वीडियो कॉल पर मौजूद था। वह वहीं से तंत्र मंत्र पढ़ रहा था। नेटवर्क समस्या होने से वीडियो कॉल कट गया, जिसके बाद सामान्य कॉल कर तांत्रिक मंत्र पढ़ने लगा।
घटना के बाद नीरज परमार शव को ठिकाना लगाने के लिए ने बाइक पर लाश को लादकर गांव से बाहर की ओर से ले जा रहा, इसी दौरान शव फिसलकर नीचे गिर गया जिसके बाद मामला उजागर हुआ।
संतान नहीं होने पर तांत्रिक ने बलि देने की सलाह दी थी
21 अक्तूबर की सुबह एक लड़की की पहचान एक कॉलेज के पास मुरैना रोड पर महिला का शव सड़क किनारे पड़ा मिला था। गर्दन पर गला दबाने और कसने के निशान थे। पहचान हजीरा की रहने वाली आरती उर्फ लक्ष्मी मिश्रा (40 साल) के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में मोतीझील की ममता, उसके पति बेटू भदौरिया, बेटू की बहन मीरा राजावत, मीरा का पुरुष दोस्त नीरज परमार और तांत्रिक गिरवर यादव को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ममता और बेटू को शादी के 18 साल बाद भी बच्चे नहीं हो रहे थे। तांत्रिक ने उन्हें मानव बलि देने को कहा था।
दो लड़कियों से मास्टरमाइंड ने बनाया संबंध
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि पहली बलि 13 अक्तूबर को दुर्गाष्टमी के दिन नीरू की दी थी। मास्टरमाइंड नीरज परमार ने नीरू के साथ पहले संबंध बनाया फिर उसकी हत्या की। हत्या से पहले नीरू ने शराब पी ली थी। जिस पर तांत्रिक इस बलि को खंडित बताकर दूसरी बलि का इंतजाम करने के लिए कहा था। इसके बाद उन्होंने आरती उर्फ लक्ष्मी मिश्र नाम की कॉल गर्ल को पकड़ा गया, जिसके 10 हजार रुपये देकर शरद पूर्णिमा के दिन बलि दी गई। मोतीझील में बेटू भदौरिया की छत पर उसके साथ संबंध बनाए फिर गला घोंट दिया। जिस समय वह उसकी हत्या कर सिंदूर लगा रहा था, तो उस समय तांत्रिक अपने घर से मोबाइल के जरिए मंत्रों का उच्चारण कर रहा था।