ज्ञानवापी: याचिकाकर्ता राखी सिंह ने राष्ट्रपति से मांगी थी इच्छा मृत्यु

वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी की वादिनी राखी सिंह ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की है। उसकी मियाद शुक्रवार सुबह नौ बजे पूरी हो जाएगी। राखी सिंह का कहना है कि यदि निर्धारित समय तक राष्ट्रपति का कोई आदेश नहीं मिला तो वह अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

राखी सिंह ने बीते मंगलवार को एक पत्र जारी किया था। राखी के अनुसार, वह मां श्रृंगार गौरी से संबंधित मुकदमे की मुख्य वादिनी हैं। मई 2021 से मुकदमे से जुड़ी उनकी सहयोगी महिलाओं और अधिवक्ता पिता-पुत्र के अलावा कुछ लोग उनके चाचा जितेंद्र सिंह विसेन और चाची किरन सिंह विसेन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।

इस काम में शासन-प्रशासन के भी कुछ लोग भी शामिल हैं। मई 2022 में उन्हीं लोगों ने झूठा प्रचार किया कि राखी सिंह श्रृंगार गौरी का मुकदमा वापस ले रही हैं, जबकि ऐसी कोई बात उनकी ओर से नहीं कही गई थी।

मुझे और मेरे परिवार को गद्दार घोषित करने का प्रयास हुआ

उन्हें और उनके परिवार को हिंदू समाज में लगातार गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान सहित अन्य मुकदमों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। यह ऐसे मुकदमे थे, जिनसे ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को प्राप्त हो सकता था। इन घटनाओं से वह मानसिक दबाव में हैं। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसलिए उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।उधर, इस संबंध में बात करने पर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि मैं दिल्ली में हूं और हमारी बेटी राखी सिंह हमारे ही पास है। उसे समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

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