जन्मदिन मुबारक !

जिनसे हमारे स्नेह एवं सम्मान के रिश्ते हैं उनके जन्मदिन पर शुभकामनायें अर्पित करना महज़ औपचारिकता नहीं वरन् स्वतः स्फूर्त कर्तव्य पालन है। मुजफ्फरनगर जनपद के प्रसिद्ध प्रतिष्ठित बाबरी परिवार से संबद्ध हमारे बड़े भाई सोमांश प्रकाश जी का जन्मदिन 5 अक्टूबर को पड़ता है। एक समृद्ध वैभवशाली परिवार में उत्पन्न होने के बाद भी सोमांश जी सादगी, सरलता, शालीनता की सद्गुणों से अलंकृत हैं। दो बार विधायक एवं कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी और देश के शीर्षस्थ नेताओं के साथ सीधा संबंध रखने के बावजूद आप सामान्य जन से भी बड़ी आत्मीयता से मिलते हैं और उनके सुख-दुख में सदा खड़े रहते हैं। अपने सद्कार्यों एवं सद्व्यवहार से सोमांश जी बुजुर्गों की परंपरा को कायम रखे हुए हैं। हमारी आपको जन्मदिन की शुभकामनायें।

जिले के राजसी मोलाहेड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाले भाई देवराज पंवार जी का जन्मदिन 5 अक्टूबर को पड़ता है। भाई पंवार जी गृहस्थ में रहते हुए भी सन्त स्वभाव के सज्जन हैं और अपना सारा दिन परमार्थ एवं परसेवा में बिताते हैं। हर समय प्रभु का गुणगान करते हैं और साधु-संतों को कभी अपने द्वार से खाली हाथ नहीं लौटने देते। समाज के गरीब, बेसहारा लोगों व छात्र-छात्राओं की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। आय का बड़ा हिस्सा धर्मकर्म के कार्यों में व्यय करते हैं।

भाई देवराज पंवार जी के परिवार से पिताश्री स्व. राजरूप सिंह वर्मा का घनिष्ट संबंध रहा। भाई पंवार जी इस रिश्ते को कायम रखे हुए हैं। जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनायें।

6 अक्टूबर को किसानों के लोकप्रिय नेता चौ. महेंद्र सिंह टिकैत का जन्मदिन है। चौधरी साहब ने किसानों में नयी जागृति पैदा की और देश को कृषक शक्ति से अवगत कराया। उनके प्रत्येक बड़े कार्यक्रम की मैंने खुद रिपोर्टिंग की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को सिसौली बुलाकर ओक (चुल्लू) में कैसे करवे से पानी पिलाया इसे देखा भी था और ‘देहात’ में छापा भी था। सिसौली में अखंड ज्योति के दर्शन भी किये। मेरठ कमिश्‍नरी में भाकियू के धरने की रिपोर्टिंग के लिए मुजफ्फरनगर से ‘देहात’ का रिपोर्टर प्रतिदिन मेरठ जाता था। मेरी सहधर्मिणी कांति वर्मा ने मंच पर जाकर उनसे आशीर्वाद लिया था। जब सदर बाजार में अस्पताल में भर्ती हुए तो मिलने जाता था। चौधरी साहब ने तमाम दबाव और बहकावों के बावजूद भारतीय किसान यूनियन का स्वरूप अराजनीतिक रखा। अफसोस है कि बाबा टिकैत की संताने नेताओं के भ्रमजाल में फंस गई। क्या इससे बाबा की आत्मा को शांति मिलती होगी? किसान शक्ति के पुरोधा को उनकी जयंती पर हमारा नमन।

गोविंद वर्मा
संपादक देहात

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