हरिद्वार : गुरु पूर्णिमा पर ‘सांकेतिक स्नान’ का दावा फेल, भीड़ उमड़ी तो कोविड नियम टूटे

शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर्व पर बृजघाट व तिगरीधाम में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। हर-हर गंगे के उद्घोष से गंगातट गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना कर परिवार व समाज में सुख-शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की। जरुरतमंदों को दान भी किया। उधर, भीड़ के बढ़ने पर गंगाघाटों पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा सका।

शनिवार तड़के से ही श्रद्धालु बृजघाट व तिगरीधाम पहुंचना शुरू हो गए। गाजियाबाद, दिल्ली, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, बिजनौर, संभल, मुरादाबाद, रामपुर आदि जिलों के श्रद्धालुओं ने बृजघाट में गंगास्नान किया। बहुत से श्रद्धालु शुक्रवार रात ही बृजघाट पहुंच गए, ब्रह्म मुहुर्त में गंगा स्नान किया। हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने गंगास्नान किया। सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए परिवार व समाज में सुख-शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की। बहुत से श्रद्धालुओं ने गंगाघाटों के किनारे अनुष्ठान करवाए। भंडारों का आयोजन कर जरुरतमंदों को भोजन कराया। तिगरी व बृजघाट में दोपहर तक गंगास्नान का सिलसिला जारी। इस दौरान भीड़ के चलते गंगाघाटों पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो सका। शनिवार को कोरोना कर्फ्यू के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगास्नान के लिए पहुंचे। पुलिस भी गश्त करती नजर आई।

मेले जैसा रहा माहौल, सोशल डिस्टेंसिंग धड़ाम

गजरौला। गुरु पूर्णिमा पर बृजघाट व तिगरीधाम में मेले जैसा माहौल रहा। सोशल डिस्टेंस का पालन धड़ाम साबित हुआ। कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को धक्का मुक्की कर स्नान किया। बहुत से श्रद्धालु बिना मास्क लगाए ही गंगाघाटों पर दिखाई दिए। ऐसे में कोरोना संक्रमण के प्रसार का खतरा बढ़ गया है।

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