हरियाणा कैबिनेट: ग्रामीण परिवारों के 372.13 करोड़ के पानी बिल माफ

हरियाणा कैबिनेट ने बुधवार को कई  महत्वपूर्ण फैसले लिए। बैठक में कुल आज 17 एजेंडे रखे गए थे जिनमें से 15 को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने ग्रामीण परिवारों का 372.13 करोड़ रुपये का बकाया जल शुल्क अधिभार सहित माफ कर दिया है।  

हरियाणा वन्य प्राणी परीक्षण विभाग राज्य सेवा कार्यकारी समूह क और ख सेवा नियम 1998 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। संशोधन के अनुसार मुख्य वन्यजीव वार्डन का पद राज्य नियमों से हटा दिया गया है, अब इसे भारत सरकार द्वारा आईएफएस कैडर में  पीसीसीएफ स्तर पर शामिल किया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महेंद्रगढ़ के अटेली मंडी में जनसंवाद के दौरान इसकी घोषणा की थी। राज्यभर के 28.87 लाख ग्रामीण क्षेत्रों के धारकों को छूट मिलेगी। पिछले एक साल का बिल अनुसूचित जाति के लाभार्थी को 20 रुपये महीना और सामान्य वर्ग के लिए 40 रुपये महीना की दर से लिया जाएगा।

कैबिनेट ने इको टूरिज्म की विकास नीति को मंजूरी दे दी है। ग्रामीण चौकीदारों को सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए हरियाणा चौकीदार नियम, 2013 में एक नया उपनियम जोड़ने को स्वीकृति दे दी गई है। 

राज्य सरकार ने अगस्त, 2023 में ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मानदेय 7 हजार रुपये से बढ़ाकर 11 हजार रुपये किया है। बैठक में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता (पेंशन) प्रदान करने को मंजूरी दी गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है उन्हें यह वित्तीय सहायता दी  जाएगी। राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति 2021 में कुल 55 दुर्लभ बीमारियों का उल्लेख है। 

बैठक में पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची (बीसी-ए) में संशोधन करने को मंजूरी प्रदान की गई। पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची (ब्लॉक-ए) में 6 जातियों अहेरिया, अहेरी, हेरी, हरि, तुरी या थोरी को हटाया गया। क्रम संख्या-31 पर जंगम-जोगी शब्द को जंगम के रूप में संशोधित किया गया।

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