हरियाणा की मंडियों में गेहूं का भुगतान 90 से 96 घंटों के बाद भी नहीं होने पर हरियाणा सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। सरकार ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए अधिकारियों सख्त निर्देश दिए हैं कि किसानों को तय समय में भुगतान किया जाए। रविवार तक प्रदेश के 81,381 किसानों के खातों में किया 932.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही रविवार को 24,624 किसानों के खातों में 317.22 करोड़ रुपये भुगतान के लिए पेमेंट फाइल जनरेट की गई, यह भुगतान 17 अप्रैल को होगा।
इसके बाद सरकार हरकत में आई है। प्रदेशभर की 408 मंडियों में रविवार शाम तक कुल 4,95,198 किसान 3,135,037 मीट्रिक गेहूं ला चुके हैं। इनमें से 3,45,770 किसानों का 2,247,313 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है। सात ही 4,23,705 गेट पासों के मुकाबले 26,83,399 मीट्रिक टन के 4775 करोड़ रुपये के जे फार्म काटे जा चुके हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के गेहूं का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। हरियाणा देश का ऐसा प्रदेश है जहां 48 से 72 घंटों में किसान की फसल खरीद का भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही मंडियों से फसल का समय पर उठान सुनिश्चित किया गया है तथा किसानों के लिए मंडी में सभी आवश्यक प्रबंध भी किए गए हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में सरसों की खरीद 20 मार्च से शुरू हो चुकी है, जबकि गेहूं, जौ और चना की खरीद 1 अप्रैल से की जा रही है। विभिन्न मंडियों में खरीद एजेंसियां अर्थात खाद्य आपूर्ति, हैफेड, एचडब्ल्यूसी और एफसीआई द्वारा यह खरीद की जा रही है। गेहूं के लिए 408 मंडियां व खरीद केंद्र, सरसों के लिए 103 मंडियां और खरीद केंद्र, जौ के लिए 25 मंडियां और चना के लिए 11 मंडियां व खरीद केंद्र खोले हैं।