हरियाणा की ई-विधानसभा: टैब चलाने में छूटे विधायकों के पसीने

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ई-विधानसभा ने विधायकों के पसीने छुड़ा दिए। अधिकतर विधायकों को टैब पर काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, पहले विधायकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया लेकिन टैब चलाने में अधिकतर विधायकों की सांसें फूल गईं। 

कई वरिष्ठ विधायकों ने इसका खुलकर विरोध भी किया और मैनुअली ही काम करने की मांग की। खुद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें पेपरलेस विधानसभा नहीं लेस पेपर विधानसभा चाहिए। हुड्डा ने कहा कि यह भविष्य के लिए तो ठीक है लेकिन मौजूदा समय में अधिकतर विधायक ऐसे हैं, जो इस पर काम नहीं कर पाएंगे। इसलिए विधायकों को कागज मुहैया कराए जाएं। 

इससे पहले, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वप्रथम टैबलेट पर नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) का विधिवत रूप से उद्घाटन किया। डिजिटल हरियाणा विधानसभा के पहले सत्र के उद्घाटन के मौके पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वह कई दिन तक व्हाट्सएप तक नहीं देखते, ऐसे में टैब पर काम करने में दिक्कत आएगी। युवा विधायकों के लिए यह व्यवस्था ठीक है लेकिन जो पुराने हैं, उनको हर हाल में कागज मुहैया कराए जाएं। ई-विधानसभा को लेकर भाजपा-जजपा विधायकों ने चुप्पी साधे रखी, जबकि कांग्रेस विधायक खुलकर बोले और कुछ सवाल भी पूछे। कांग्रेस के असंध से विधायक शमशेर गोगी ने तो यहां तक कह दिया कि स्पीकर साहब वह 66 साल के हो गए और इस उम्र में उनसे टैब पर काम मुश्किल है, इसलिए हमें माफ करो। इसके जवाब में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला से सीखो इस उम्र में दसवीं कक्षा पास की है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने डिजिटल के फायदे बताए। नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम ने भी इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले देश में कानून बनना चाहिए कि विधायक केवल शिक्षित व्यक्ति ही बनाए जाए, क्योंकि टैब पर काम करना पढ़े लिखों का काम है। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसा कानून बनाने की मांग करे, फिर ई-विधानसभा लागू करें। कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल, आफताब अहमद और वरूण मुलाना ने ई-विधानसभा पर उपलब्ध डाटा की सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाए। हालांकि, केंद्र से आए अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके अलावा, महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपनी बात रखी। 

तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ एक दूसरे की मदद लेते रहे विधायक
तमाम मंत्रियों से लेकर विधायक तक को टैब चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, विधानसभा की ओर से टेक्निकल सहायकों ने विधायकों की मदद की। इसके अलावा, आपस में भी विधायक और मंत्री एक दूसरे की मदद लेते नजर आए। बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और कृषि मंत्री जेपी दलाल एक दूसरे की मदद करते नजर आए, जबकि नैना चौटाला ने जेजेपी के गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह को टैब के बारे में बताया। 

मील का पत्थर साबित होगी योजना: मनोहर लाल
ई-विधानसभा प्रदेश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। इस एप्लीकेशन के माध्यम से विधानसभा सदस्य प्रश्नोत्तर, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, तारांकित व अतारांकित प्रश्न, विधानसभा की ऑडियो व वीडियो को भी देख सकते हैं। अभी इस नीवा एप्लीकेशन को विधानसभा के कार्यों से जोड़ा गया है लेकिन भविष्य में इसके अंदर विधायकों के क्षेत्रों से जुड़ी भी जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे विधायक जान सकेंगे कि उनके क्षेत्र में कितने विकास कार्य हुए और कितना फंड खर्च किया गया है।

विधानसभा का 50 साल का रिकॉर्ड भी डिजिटल होगा 
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता कहा कि हरियाणा ई-विधानसभा बनने से एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। अब विधानसभा के सारे कार्य ई-विधानसभा के माध्यम से किए जाएंगे। अब साढ़े तीन करोड़ रुपये के बजट से हरियाणा विधानसभा के 50 वर्ष के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा के पेपर लैस होने से सालाना साढ़े 5 करोड़ रुपये की बचत होगी जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भी लाभदायक होगी।

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