‘उन्होंने इस बारे में पढ़ा नहीं’, कच्चातिवु मामले पर केंद्रीय मंत्री ने चिदंबरम पर कसा तंज

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में सरकार को कच्चातिवु द्वीप मामले पर बोलने को लेकर चेताया था। अब चिदंबरम पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया है। हरदीप पुरी ने कहा कि चिदंबरम ने मुद्दे के बारे में पढ़ा नहीं है। दरअसल चिदंबरम ने अपने हालिया पोस्ट में कहा था कि कच्चातिवु द्वीप पर भ्रामक और आक्रामक बयानबाजी श्रीलंकाई सरकार और तमिलों के बीच संघर्ष का कारण बन सकती है। 

हरदीप पुरी बोले- विदेश मंत्री ने पूरे तथ्यों के साथ जानकारी दी
हरदीप पुरी ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मुद्दे (कच्चातिवु द्वीप) के बारे में सही तरीके से पढ़ा नहीं है। पीएम मोदी जो भी कहा है, उसे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूरे तथ्यों और रिकॉर्ड के साथ बताया है।’ पुरी ने कहा कि ‘ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि दोनों देशों का इस द्वीप पर दावा था, लेकिन पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरु और इंदिरा गांधी ने इस द्वीप को श्रीलंका को देने का फैसला लिया। पूर्व राजनयिक केवल सिंह उस वक्त मद्रास गए थे और उन्होंने तत्कालीन सीएम के साथ बैठक भी की थी। किसी फार्मूले पर उनकी सहमति बनी, जिसकी वजह से यह द्वीप श्रीलंका को मिल गया। इससे कई मुद्दे जुड़े हुए हैं।’

चिदंबरम ने कही थी ये बातें
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने हाल ही में कहा था कि ‘इंदिरा गांधी ने द्वीप को श्रीलंका को देने का फैसला क्यों किया? क्योंकि श्रीलंका में छह लाख तमिल प्रताड़ित हो रहे थे और वे शरणार्थी के रूप में भारत आना चाहते थे। इसी समझौते के तहत छह लाख तमिल भारत आ सके और आज वे यहां आजादी और मानवाधिकारों के साथ रह रहे हैं।’ चिदंबरम ने मंगलवार को अपने एक पोस्ट में लिखा कि ‘विदेश मंत्री और अन्य नेताओं के बयान भारत श्रीलंका संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि श्रीलंका में 25 लाख श्रीलंकाई तमिल और 10 लाख भारतीय तमिल नागरिक रहते हैं। ऐसे में 50 वर्षों बाद कच्चातिवु द्वीप को लेकर कोई भी भ्रामक और आक्रामक बयानबाजी श्रीलंकाई सरकार और तमिलों के बीच संघर्ष का कारण बन सकती है।’

हाल ही में पीएम मोदी कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को देने के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। कांग्रेस भारत की एकता और हितों को कमजोर करती है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दावा किया कि पूर्व पीएम पंडित नेहरू ने कच्चातिवु द्वीप को कोई अहमियत नहीं दी थी। साल 1974 में भारत श्रीलंका के बीच हुए मेरीटाइम समझौते के तहत कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया गया था।

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