हाईकोर्ट में 16 नवंबर को होगी भाजपा नेता विक्रम सैनी की सजा के मामले की सुनवाई

मुजफ्फरनगर में खतौली के निवर्तमान भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में 16 नवंबर को सुनवाई होगी। सजा के बाद  विक्रम सैनी की विधानसभा की सदस्यता चली गई थी, जिस कारण पांच दिसंबर को उपचुनाव की तिथि घोषित की गई है।

अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने 11 अक्तूबर के कवाल के बवाल में विधायक विक्रम सैनी समेत 12 आरोपियों को दो-दो साल और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। प्रकरण में सजा के बाद विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी ने भी हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट में 16 नवंबर की तिथि कर दी है।

इन धाराओं में सुनाई गई थी सजा
निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी, धर्मवीर, सलेकचंद, रविंद्र, रोहताश, सोनू, दीपक, प्रदीप, नूर मोहम्मद, मुकर्रम और दीपक पर धारा 147, 158, 336, 149, 504, 506 और 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट के अंतर्गत सजा सुनाई गई थी। जबकि अभियुक्त फारूख को 25 आयुध अधिनियम का दोषी पाया गया था। धारा 307 में विक्रम सैनी को दोषमुक्त करार दिया गया था। पुलिस ने उनके हाथ में बलकटी दिखाई थी।

यह था मामला
कवाल कांड के बाद गांव में तनाव का माहौल था। 29 अगस्त 2013 को दोपहर 12 बजे दोनों समुदाय के लोग आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए एक-दूसरे के सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। लाठी डंडे और अवैध हथियारों से हमला किया। पुलिस ने दोनों पक्षों के 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 15 आरोपी दोषमुक्त हो गए। मुकदमे के ट्रायल के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गई थी।

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