ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई पूरी: व्यासजी के तहखाने मामले पर चार अक्तूबर को आएगा आदेश

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने संबंधी मामले में दाखिल ट्रांसफर वाद में शनिवार को सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने आदेश के लिए चार अक्तूबर की तारीख नियत कर दी है। 

विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से अधिवक्ता रवि कुमार पाण्डेय ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की सिर्फ यह कहा कि ट्रांसफर आवेदन में मूल वाद नहीं दर्ज है। जिसे तत्काल संसोधित कर लिया गया, वादी शैलेन्द्र व्यास के अधिवक्ता सुभाषनंदन चतुर्वेदी ने कहा कि तह खाना में दरवाजा है ही नहीं विपक्षी किसी भी समय कब्जा कर सकते है। जिसका कड़ा प्रतिवाद अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ता मुमताज़ अहमद ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। सर्वे हो रहा है ताला हमारी तरफ से बंद था, खोला हमने ही ऐसे में कब्जा किये जाने की दलील गलत है। अदालत ने कहा कि दोनों पक्ष कि बहस सुन ली है, ऐसे में चार अक्तूबर को कोर्ट आदेश देगी। 

बता दें कि मामला की सुनवाई शुक्रवार को जिला जज की अदालत में हुई। प्रकरण में एक अन्य पक्षकार काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि कुमार पांडेय ने पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। इस पर अदालत ने शनिवार को सुनवाई करने का फैसला किया। इससे पहले अदालत ने नोटिस देकर काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को वाद दाखिल किया था। कहा था कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा है। वर्ष 1993 के पहले से पूजा-पाठ और राग-भोग होता चला आ रहा था। 1993 के बाद उस तहखाने को प्रदेश सरकार के आदेश से घेर दिया गया। साथ ही पूजा-पाठ से वंचित कर दिया गया। वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित व्यासजी के तहखाने का दरवाजा खुला है। उस जगह वादी और उनके परिवार को जाने से रोका जाता है। आशंका है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तहखाने पर कब्जा कर लेगी। यह मामला लोअर कोर्ट में लंबित है। यह मामला जिला जज की अदालत में सुना जाना चाहिए। इस पर प्रतिवादी मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि वादी का स्थानांतरण प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here