शनिवार को जबलपुर और ग्वालियर में भारी बारिश होने की संभावना

बंगाल की खाड़ी बना गहरा कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम बंगाल और झारखंड के पास पहुंचकर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। दक्षिणी उत्तरप्रदेश के मध्य में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून ट्रफ भी उत्तरप्रदेश में बने सिस्टम से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है। इस वजह से लगातार मिल रही नमी के कारण मध्यप्रदेश के पूर्वी, उत्तरी क्षेत्र के जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। शनिवार को जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर संभाग के जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद संभाग के जिलों में रुक-रुक कर बौछारें पड़ती रहेंगी।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक श्यौपुरकला में 56, पचमढ़ी में 47, छिंदवाड़ा में 46, गुना में 29, सागर में 10, रतलाम में सात, जबलपुर में 6.5, मंडला, होशंगाबाद में तीन, रीवा, धार में दो, इंदौर में 1.4, दमोह में एक, उज्जैन में 0.6 मिलीमीटर बारिश हुई। शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 25.3 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से चार डिग्रीसे. कम रहा। न्यूनतम तापमान 23 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। जो सामान्य रहा। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि झारखंड के पास बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र और दक्षिणी उप्र में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण बंगाल की खाड़ी से बड़े पैमाने पर आद्रता मिल रही है। इससे रुक-रुक कर बारिश हो रही है। शनिवार को रीवा, शहडोल, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। शेष जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। साहा ने बताया कि झारखंड पर बने सिस्टम के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने के आसार हैं। शनिवार को इस सिस्टम के आगे बढ़ने से मप्र में तीन-चार दिन तक रुक-रुक कर बारिश होने की उम्मीद है।

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