शिव के प्रिय श्रावण मास के प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पूजन का पर्व नाग पंचमी 13 अगस्त को होगा। इस दिन कार्य में सफलता देने वाला मंगलकारी रवि योग के साथ मंगलकारी हस्त व चित्रा नक्षत्र का त्रिवेणी संयोग बनेगा। इस शुभ संयोग में काल सर्प दोष से मुक्ति के साथ सुख-समृद्धि की कामना से नाग देवता का दूध से अभिषेक और पूजन होगा।
शहर में माटी के नाग देवता के निर्माण के साथ मंदिर में विशेष शृंगार किया जाएगा। हालांकि पिछले साल की तरह इस साल भी दर्शन की व्यवस्था कोरोना प्रोटोकाल के मुताबिक होगी। ज्योर्तिविद् विजय अड़ीचवाल ने बताया कि श्रावण शुक्ल पंचमी की शुरुआत 12 अगस्त गुरुवार को को दोपहर 3.25 से होगी जो अगले दिन 13 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 1.42 बजे तक रहेगा। उदया तिथि में पंचमी 13 अगस्त को रहेगी। इसके चलते इस दिन नाग पंचमी का पर्व एक मत से मनाया जा रहा है।
इस दिन कार्य में सिद्धि देने वाला रवि योग सुबह 6.58 से अगले दिन 14 अगस्त को सुबह 6.57 बजे तक रहेगा। इसके अतिरिक्त 12 अगस्त गुरुवार को हस्त नक्षत्र सुबह 10.10 बजे शुरू होकर अगले दिन 13 अगस्त को नाग पंचमी के दिन सुबह 9.07 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा, जो अगले 14 अगस्त को सुबह 7:57 बजे तक रहेगा।
काल सर्प दोष से मिलती मुक्ति, स्वर्ण, रजत, काष्ठ के नाग बनाकर होता पूजन
ज्योर्तिविद् पवन तिवारी के मुताबिक नाग पंचमी पर काल सर्प दोष से मुक्ति के साथ ही सुख-समृद्धि की कामना से नाग देवता का पूजन किया जाता है। इस दिन प्रतीकात्मक नाग देवता को दूध से स्नान व पूजा करने का विधान है। इस दिन व्रत के साथ एक बार भोजन करने का नियम है। नाग मंदिर, बाम्बी या घर पर नाग पूजन किया जाता है। स्वर्ण, रजत, काष्ठ का नाग बनाकर उसकी दूध, दही, दूर्वा, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप एवं विविध नैवेद्य से पूजा की जाती है।
इसलिए खास रवियोग और हस्त-चित्रा नक्षत्र का संयोग
ज्योर्तिविदों के अनुसार रवि योग को सूर्य का अभीष्ट प्राप्त होने कारण प्रभावशाली योग माना जाता है। सूर्य की उर्जा समाहित होने से अनिष्ट की आशंका समाप्त होकर कार्य में सफलता मिलती है। इस तरह 27 नक्षत्रों को शुभ, मध्यम और अशुभ की श्रेणी में बांटा गया है। इसमें 15 नक्षत्र शुभ की श्रेणी में आते हैं। इनमें हस्त व चित्रा नक्षत्र शामिल है।
अगस्त में आएंगे ये तीज त्योहार
अगस्त माह में तीज-त्योहारों का उल्लास छाएगा। इसके जरिए प्रकृति का आभार माना जाएगा। इसमें 6 अगस्त को मासिक शिवरात्रि, 8 अगस्त को हरियाली अमावस्या,10 अगस्त को सिंजारा दूज, 11 अगस्त को हरियाली तीज शामिल है। इसके अलावा 13 अगस्त को नाग पंचमी, 15 अगस्त को गोस्वामी तुलसीदास जयंती और 22 अगस्त को रक्षा बंधन होगा।