हाईकोर्ट : विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर हुई सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर  सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल किया गया। विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयानबाजी की थी। हाईकोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट और मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने पर लगी रोक 16 जनवरी तक बढ़ा दी है। 

मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2023 को होगी। हाईकोर्ट की रोक लगने की वजह से मुकदमे का ट्रायल शुरू नहीं हो सका है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने बयान दिया था कि अधिकारियों को पहले यहीं पर रोक कर उनसे निपटा जाएगा।  उसके बाद उनका तबादला होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मामले में अब्बास अंसारी के खिलाफ  कार्रवाई की थी।

अब्बास अंसारी के खिलाफ  एफ आईआर भी दर्ज हुई थी। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब्बास अंसारी की याचिका में पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट को चुनौती दी गई है। साथ ही चार्जशीट को रद्द किए जाने की अपील की गई है। याचिका की सुनवाई जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में हुई।

बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर सरकार का जवाब दाखिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई हुई। यूपी सरकार ने सांसद की याचिका पर जवाब दाखिल किया। कोर्ट ने अंसारी को सरकार के जवाब का जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। 5 जनवरी 2023 को मामले की अगली सुनवाई होगी।

सांसद अफजाल अंसारी ने अपने खिलाफ  दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे की कार्रवाई को रद्द किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल अंसारी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ  गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में वर्ष 2007 में केस दर्ज हुआ था। अफजाल अंसारी की याचिका में कहा गया है कि कृष्णानंद राय मर्डर केस में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। 

इसी केस के आधार पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। कहा गया, वर्ष 2019 में क़ष्णानंद राय मर्डर केस में बरी किए जाने के बाद अब उसी केस के आधार पर गैंगस्टर की कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है। गैंगस्टर के मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही को रद्द किए जाने की मांग की गई है। जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में केस की सुनवाई हुई।

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