इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) की टाउन एंड प्लानिंग स्कीम-4 और 6 फिलहाल जारी नहीं होगी। हाई कोर्ट ने इन योजनाओं को जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। दोनों योजनाओं को जारी करने से पहले आइडीए ने जमीन मालिकों से दावे-आपत्तियां बुलवाई थीं। हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद प्राधिकरण दावे-आपत्तियों पर निर्णय भी नहीं ले सकेगा।
जमीन मालिकों की तरफ से हाई कोर्ट में दायर आवेदन में कहा गया है कि इन योजनाओं में फंसी जमीन को योजनाओं से मुक्त किए जाने के आदेश हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पूर्व में दे चुके हैं। हमारी जमीन प्राधिकरण की योजना में शामिल नहीं है, इसकी अनापत्ति प्राधिकरण से जारी नहीं की गई। इस वजह से नगर तथा ग्राम निवेश ले-आउट प्लान भी मंजूर नहीं कर रहा था। जमीन मालिकों की ओर से अधिवक्ता विजय आसुदानी ने पैरवी की थी।
जमीन मालिकों ने दी थी कोर्ट में चुनौती
याचिकाओं में कहा है कि इन योजनाओं को प्राधिकरण द्वारा पूर्व में अलग-अलग नाम से जारी किया जा चुका है, लेकिन किसी न किसी वजह से ये सभी योजनाएं निरस्त हो गई थीं। अब इन्हें टाउन एंड प्लानिंग स्कीम के नाम से जारी किया गया है।
प्राधिकरण द्वारा बरसों पहले जमीन का अधिग्रहण किए जाने के बावजूद स्कीम जारी नहीं की गई थी जिसके बाद जमीन को योजना से मुक्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत हुए थे। इनका निराकरण करते हुए हाई कोर्ट ने आइडीए से उक्त जमीन को योजना मुक्त करने के आदेश प्राधिकरण को दिए थे। प्राधिकरण ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अपील दायर की थी। ये अपीलें भी निरस्त हो गई थीं।
बावजूद इसके उक्त जमीन को मुक्त नहीं किया गया था। आइडीए द्वारा जारी टीपीएस-4 और 6 में इस जमीन को एक बार फिर शामिल कर लिया गया, जिसे चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिए कि योजनाओं को फिलहाल जारी न किया जाए।