हिंसा के बाद हाइवे बंद, मणिपुर में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी

मणिपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि राज्य में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो रही है और आने वाले दिनों में अगर सप्लाई नहीं हुई तो यह समस्या गंभीर हो सकती है। बता दें कि मणिपुर में बीते दिनों हुई हिंसा के चलते जगह जगह नेशनल हाइवे को ब्लॉक कर दिया गया है, जिसकी वजह से राज्य में जरूरी चीजों की सप्लाई नहीं हो पा रही है। 

नेशनल हाइवे ब्लॉक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीवन रक्षक दवाओं के अलावा मणिपुर में खाने-पीने की जरूरी चीजों की भी कमी हो रही है, जिसकी वजह से वहां दाम कई गुना बढ़ गए हैं। दरअसल कुकी जनजाति के लोगों ने कांगपोकपई जिले में नेशनल हाइवे 39 को ब्लॉक कर दिया है, जिसकी वजह से इंफाल दिमापुर रूट पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो रही है। 

जीवन रक्षक दवाएं और सब्जियां, फल महंगे
मणिपुर ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि लोग घबराकर दवाएं खरीदकर अपने पास जमा कर रहे हैं, जिसकी वजह से जीवन रक्षक दवाओं के स्टॉक में तेजी से कमी आ रही है। जरूरी दवाओं को लेकर मणिपुर आ रहे 26 ट्रक मणिपुर के बॉर्डर पर और असम में फंसे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में बड़ी संख्या में लोग डायबिटिक, किडनी और हार्ट के मरीज हैं। ऐसे में लंबे समय तक दवाओं की कमी बीमार लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है। 

मणिपुर में फलों और सब्जियों के दाम भी कई गुना बढ़ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर के बाजार में इन दिनों कश्मीरी सेब की कीमतें 500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं आलू के दाम 70-100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं सरकार और सेना मणिपुर में हालात सामान्य करने में जुटी हैं। इसी के तहत हाल ही में 28 वाहनों का एक काफिला सेना और असम राइफल्स की सुरक्षा में नेशनल हाइवे से गुजरते हुए इंफाल पहुंचा। इन ट्रकों में रोजमर्रा का जरूरी सामान, तेल टैंकर आदि शामिल थे। 

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