कांग्रेस के सभी छह बागी पूर्व विधायकों को भाजपा ने उनके पुराने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार दिया। भाजपा ने इन्हें सदस्यता देने के तीन दिन बाद मंगलवार को इनके टिकटों की घोषणा कर दी है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर लाहौल-स्पीति, राजेंद्र राणा सुजानपुर, इंद्रदत्त लखनपाल बड़सर, चैतन्य शर्मा गगरेट और देवेंद्र कुमार भुट्टो को कुटलैहड़ से टिकट दिए गए हैं। इस तरह भाजपा ने लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा उपचुनाव के लिए भी अपने सभी प्रत्याशी घोषित करने के मामले में कांग्रेस से बाजी मार ली है। कांग्रेस के बागी विधायकों को भाजपा की ओर से टिकट दिए जाने पर सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा किइससे साबित होता है कि भाजपा खरीद-फरोख्त में लगी है। राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान करने के बाद व्हिप जारी होने के बावजूद वित्त विधेयक पारित करते वक्त विधानसभा में उपस्थित न होने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया था। अध्यक्ष के इस फैसले को इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने से पहले इन्होंने याचिका वापस लेने के लिए अर्जी भी दे दी थी। भाजपा की सदस्यता लेने से पहले कांग्रेस के ये छह बागी हिमाचल प्रदेश से बाहर ही रह रहे थे। अब टिकट घोषित होते ही ये फील्ड में उतर चुके हैं।
अभी कांग्रेस के टिकटों पर तस्वीर साफ नहीं
भाजपा के सभी प्रत्याशियों के फाइनल होने के बाद भी अभी तक कांग्रेस के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ नहीं हुई है। कांग्रेस अब भाजपा प्रत्याशियों को लक्षित कर ही अपने टिकटों पर निर्णय करेगी। इसके लिए क्षेत्रीय, जातीय आदि तमाम समीकरणों को आंका जाएगा। कांग्रेस की नजर भाजपा के बागियों पर ही होगी।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने भी तीन दिन पहले भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इससे पहले इन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिव को सौंप दिया था। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक इन तीनों निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 थे, जबकि भाजपा के पास 25 विधायक थे। तीन सीटों पर निर्दलियों का कब्जा रहा। निर्दलियों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद नौ विधायकों के कम होने के बाद विधानसभा में 59 विधायक रह जाएंगे।
हिमाचल में कब होगा उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चार सीटों के लिए अंतिम एवं सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा। इसी दिन छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव भी करवाया जाएगा। ये छह विधानसभा क्षेत्र वही हैं, जहां से कांग्रेस ने छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया है। 4 जून को नतीजे घोषित हो जाएंगे। प्रदेश में 7 मई को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई तय की गई है। नामांकन पत्रों की छंटनी 15 मई को होगी। 17 मई को नाम वापस लिए जा सकेंगे। छह विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए भी यही प्रक्रिया रहेगी।