हिमाचल: अनाथ बच्चों के लिए 101 करोड़ से बनेगा मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि सरकार को बने हुए 21 दिन हो गए हैं। सरकार ने सजगता दिखाई है। सीएम पद की शपथ लेने के बाद वह सचिवालय नहीं बालिका आश्रम गए। वह आश्रम अच्छे से चल रहा था। बच्चों से सीखा। जिनका कोई नहीं है। वे किस प्रकार से जीवन जी रहे हैं। 

इस दृष्टिकोण से विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई। इसके लिए एक योजना लाई जाए। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की नियुक्ति हुई है। सबका यह मत था कि ऐसी योजना लाई जए जो सभी तरह के बंधनों से दूर हो। हिमाचल में करीब 6 हजार बच्चे अनाथाश्रमों में पल बढ़ रहे हैं। 12वीं तक तो प्रदेश सरकार उनको आश्रय देती है। बच्चा आगे पढ़ना चाहता है तो उसके मन में किसी भी तरह की कुंठा नहीं होनी चाहिए।

जो भी बच्चा पढ़ाई या संबंधित कोई भी कोर्स करना चाहता हो तो उसे वंचित नहीं किया जाएगा। जेब खर्च को भी पैसे देंगे। घूमने भी जाना है तो उसका खर्च वहन करेंगे। सीएम ने कहा कि हमने एक कोष स्थापित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित होगा। 101 करोड़ के बजट का तुरंत प्रावधान किया जाएगा। कांग्रेस विधायक भी पहली तनख्वाह से एक लाख रुपये इस कोष में दान करेंगे। भाजपा विधायकों से भी इसके लिए अनुरोध किया जाएगा। एकल नारियों पर भी इसे खर्च किया जाएगा।

ये बच्चे किसी की दया भावना पर नहीं टिकेंगे। इस वर्ग को कभी ठीक से नहीं देखा गया। सामाजिक कल्याण विभाग इसकी नोडल एजेंसी है। मेडिकल कॉलेज, इंजीनयरिंग कॉलेज आदि में भी इसे खर्च किया जाएगा। फेस्टिवल ग्रांट 500-500 रुपये दी जा चुकी हैं।

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