ज्वालामुखी क्षेत्र में आर्जीमोन प्वाइजनिंग के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान विजय कुमार निवासी लाहडु तहसील खुंडियां जिला कांगड़ा के रूप में हुई है। वहीं परिवार के अन्य सदस्य अस्पताल में उपचाराधीन हैं। पुष्टि करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि इस प्वाइजनिंग के कारण एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि परिवार के अन्य सदस्य उपचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि आर्जीमोन प्वाइजनिंग मिलावटी सरसों के तेल से हो सकती है।
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि परिवार के लोगों ने अगस्त माह में स्थानीय दुकानदार से सरसों खरीदी थी और स्थानीय मिल में सरसों का तेल निकलवाया था। परिवार के सभी सदस्य उस सरसों के तेल का उपयोग कर रहे थे। इस तेल के इस्तेमाल के बाद उन्हें दस्त, उल्टियां और शरीर के अंगों में सूजन तथा टांगों में लालगी आ गई। इसके लिए वह अलग-अलग अस्पतालों में यहां तक की चंडीगढ़ में भी इलाज करवाते रहे।
इस दौरान परिवार के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों में भी ऐसे लक्षण आने पर उन्होंने स्वयं ही इस तेल का इस्तेमाल बंद कर दिया। जब यह मामला स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में आया तो उन्होंने जिला प्रशासन की मदद से एक टीम का गठन किया। इसने अपनी जांच शुरू कर दी है तथा उस तेल के सैंपल प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बताया कि यह प्वाइजनिंग सरसों के बीजों में एक काले रंग का जंगली बीज जिसको आर्जीमोन मैक्सिकना कहा जाता है के कारण होती है। जिले में अगर किसी और ने इस प्रकार बाजार से खुली सरसों खरीद कर उस का तेल निकलवाया है और उस तेल का उपयोग किया है या कर रहे हैं तो वह इसे तुरंत बंद कर दें। वहीं उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो वह तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें।