ICMR के डीजी ने टीकाकरण पर नहीं दिया कोई ठोस जवाब, कहा- मास्क ही सबसे प्रभावी

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख बलराम भार्गव ने रविवार को टीकाकरण के प्रभाव को लेकर किए गए सवालों पर अनिश्चितता जताई। उन्होंने कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि टीका कब तक प्रभावी हो सकता है और वायरस के संचरण को तोड़ने के लिए हमें कितनी आबादी का टीकाकरण करना होगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में मास्क सबसे ज्यादा कारगर है इसलिए मैं सभी लोगों से निवेदन करता हूं कि कृपया मास्क पहनकर ही चलें। उन्होंने कोरोना के नए स्वरूप पर जवाब देते हुए कहा कि नया कोरोना 60 फीसदी से अधिक संक्रामक है और ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इससे संक्रमित  29 मरीज मिले हैं जिनके लिए हमें सतर्क रहना चाहिए, हालांकि हम बहुत जल्द नए वायरस को अलग करने में सक्षम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एनआईवी के वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए स्ट्रेन को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है और इसे विभिन्न टीकों के अनुरूप परीक्षण किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि भारत बायोटेक का वैक्सीन के कोरोना को इस नए रूप के खिलाफ कारगर होगा। 

वहीं ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। डीसीजीआई ने भारत बायोटेक से चरण I, II, III में की गई ट्रायल से संबंधित डाटा जमा करने को कहा है, साथ ही इस दौरान इसकी सुरक्षा और प्रभाव को लेकर भी जानकारी मांगी है। 

बता दें कि अब देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। इन दोनों वैक्सीन की दो-दो डोज मरीजों को दी जाएंगी। इन दोनों वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकेगा। डीसीजीआई के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन की ओवरऑल क्षमता 70.42 फीसदी थी। 

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया आभार 
डीसीजीआई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने मेहनतकश वैज्ञानिकों और आविष्कारकों को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उत्साही लड़ाई को मजबूत करने के लिए निर्णायक मोड़। 

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