मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के केस पर गुरुवार को सीनियर सिविल जज की कोर्ट में सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने मांग की है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते को रद्द किया जाए। साथ ही ईदगाह की जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपा जाए। अदालत ने केस की अगली सुनवाई के लिए एक जुलाई की तिथि नियत की है।
नारायणी सेना पहुंची हाईकोर्ट
नारायणी सेना के मनीष यादव ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। निवेदन किया है कि उनके केस में उपासना अधिनियम लागू न हो। मनीष यादव ने मथुरा जिला अदालत में केस दायर करके कहा है कि जन्मभूमि की जमीन पर ही ईदगाह बनी है। इसे हटाया जाए। कोर्ट कमीशन का गठन करके जांच करने की भी मांग की है ताकि सबूतों को एकत्र किया जाए।
‘ट्रस्ट के नाम ही जमीन है’
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संस्थान की तरफ से एडवोकेट मुकेश खंडेलवाल ने गुरुवार को मथुरा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर कागजात सौंपे। उन्होंने कहा कि नगर निगम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम ही 13.37 एकड़ जमीन दर्ज है, उसमें ईदगाह का नाम नहीं है। साथ ही टैक्स भी ट्रस्ट ही दे रहा है तो जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की हुई। कोर्ट से मांग की है कि ईदगाह को हटाने के आदेश दिए जाएं।