‘पाकिस्तान अगर आतंकवाद खत्म नहीं कर पा रहा, तो हम मदद करेंगे’- राजनाथ सिंह

दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों अपनी चुनावी जनसभा के दौरान चीन और पाकिस्तान पर भी जमकर निशाना साध रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए एक इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान को मदद की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू पाने असमर्थ महसूस करता है तो भारत आतंकवाद को रोकने के लिए उसका सहयोग करने को तैयार है. 

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान से मेरी यही अपेक्षा है कि यदि वह आतंकवाद का सहारा लेकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करेंगे तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू पाए. यदि पाकिस्तान को लगता है कि वह आतंकवाद पर काबू पाने में असमर्थ है, नहीं कर सकते हैं तो फिर पड़ोसी देश भारत से सहयोग ले सकते हैं.आतंकवाद को रोकने के लिए भारत उनका सहयोग करने के लिए तैयार है.

मां का जिक्र कर हुए भावुक

1975 में लगे आपातकाल और कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भावुक हो गए. उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने तानाशाही की इमरजेंसी लगाई वो हम लोगों पर अब तानाशाह होने के आरोप लगाते हैं .. मेरी मां को ब्रेन हेम्रेज हुआ था और कांग्रेस की सरकार ने मुझे पेरोल नहीं दिया था. मैं अपनी माता जी के क्रियाक्रम में नहीं जा पाया था .. मेरी मां 27 दिन अस्पताल में रहीं और मुझे जेल में रखा गया और मां से अंतिम समय में देखने भी नहीं दिया.’

कोई भी हमारी जमीन पर नहीं कर सकता है कब्जा

क्या चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा किया गाया है? इसका जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार रहते हुए कोई एक भी इंच की जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है. हम अपनी जमीन कतई नहीं जाने देंगे. PoK का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पीओके हमारा था, है और रहेगा.’

चीन पर भी साधा था निशाना

दो दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का “नाम बदलने” पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भारत ने भी इसी तरह के प्रयास किए, तो क्या इसका मतलब यह होगा कि चीन के वे इलाके “हमारे क्षेत्र का हिस्सा” बन गए हैं.’ मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.

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