राज्य में बिजली कनेक्शन देने में देरी हुई तो देना होगा 500 रुपये रोजाना मुआवजा

बिजली के कनेक्शन में देरी करने पर अब ऊर्जा निगम को दोहरा नुकसान होगा। नियामक आयोग में जुर्माना जमा कराने के साथ ही उपभोक्ता को भी दस रुपये से लेकर 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। ऐसे कनेक्शन जहां बिजली की नई लाइन नहीं बनाई जानी है, वहां अब 30 दिन की बजाय 15 दिन में बिजली का कनेक्शन देना होगा। 

बिजली कनेक्शन देने में निगम की ओर से होने वाली देरी पर आयोग का रुख हमेशा से सख्त रहा है। पूर्व में निगम को 70 करोड़ तक का जुर्माना भुगतना पड़ा है। इस व्यवस्था को और भी सख्त कर दिया गया है। यदि किसी उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन में 1000 रुपये देने हैं और कनेक्शन समय पर नहीं मिलता है, तो मुआवजा पांच रुपये प्रति दिन के हिसाब से देना होगा।

प्रति हजार पांच रुपये मुआवजा देना होगा। जो अधिकतम 500 रुपये प्रतिदिन होगा। बड़े उपभोक्ताओं के मामले में यही मुआवजा 50 रुपये प्रतिदिन से अधिकतम 50 हजार रुपये होगा। इसी के साथ आयोग को जुर्माना भी पांच रुपये प्रति हजार और अधिकतम 1000 रुपये प्रतिदिन देना होगा।

एचटी कनेक्शन के मामले में जुर्माना 500 रुपये प्रतिदिन से अधिकतम एक लाख रुपये रहेगा।  बड़े उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार: 25 से 50 किलोवॉट तक के कनेक्शन की श्रेणी में रेट बढ़े हैं। सर्विस लाइन चार्ज के रूप में अब 4000 रुपये के स्थान पर 6000 रुपये, अंडरग्राउंड में 8000 रुपये से बढ़ा कर 15000 रुपये भुगतान करना होगा।

तय दूरी के बाद 3000 रुपये प्रति दस मीटर की बजाय अब 8000 रुपये प्रति दस मीटर की दर से भुगतान करना होगा। घरेलू श्रेणी में सिक्योरिटी 400 रुपये से 600 रुपये, अघरेलू में 1000 रुपये से 1500 रुपये, एलटी इंडस्ट्री में 1000 रुपये से 1500 रुपये किया गया। 50 से 75 किलोवॉट में सर्विस लाइन चार्ज 5000 रुपये से 8000 रुपये, अंडरग्राउंड में 10,000 रुपये से 20,000 रुपये किया गया।

पुराने उपभोक्ताओं पर भी बढ़ेगा सिक्योरिटी का भार
पुराने बिजली उपभोक्ताओं का बिजली का बिल यदि उनकी सिक्योरिटी से अधिक आता है, तो अप्रैल के बिल में उनकी सिक्योरिटी नये सिरे से तय होगी। मसलन यदि किसी ने 2000 रुपये सिक्योरिटी जमा कराई है और उसका हर महीने बिल 2500 रुपये आता है, तो अप्रैल में उसके बिल में 500 रुपये बतौर सिक्योरिटी पूरे साल के लिए सिर्फ एक बार जुड़ जाएंगे।

28 नवंबर के बाद पैसा जमा कराने वालों को और देने होंगे पैसे
आयोग के तकनीकी सदस्य एमके जैन ने बताया कि बिजली की ये दरें 28 नवंबर से लागू मानी जाएंगी। क्योंकि 28 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित हुआ। ऐसे में जिन बिजली उपभोक्ताओं ने 28 नवंबर के बाद कनेक्शन को पुरानी दर से पैसे जमा कराए, उन्हें अब अतिरिक्त रुपये जमा कराने होंगे।

सिक्योरिटी माफ
आयोग ने नई दरों में प्रीपेड मीटर कनेक्शन को बढ़ावा देने को सिक्योरिटी माफ करने के साथ सर्विस लाइन चार्ज में भी छूट दी है। चार किलोवॉट तक के प्रीपेड मीटर के लिए कनेक्शन 1000 रुपये में मिलेगा। अंडरग्राउंड लाइन से कनेक्शन पर दो हजार रुपये सर्विस लाइन चार्ज देना होगा। 40 मीटर से अधिक की दूरी से कनेक्शन पर 1500 रुपये प्रति दस मीटर जमा कराना होगा। यह पहले 1000 रुपये था। 5000 रुपये सिक्योरिटी भी नहीं देनी होगी।

दस किलोवॉट तक तत्काल सेवा मिलेगी
आयोग ने तत्काल सेवा भी शुरू की है। इसके तहत दस किलोवॉट तक के अस्थायी कनेक्शन के लिए आवेदन करने पर एक दिन के भीतर कनेक्शन देना होगा। निर्माण कार्यों के लिए अस्थायी कनेक्शन लिए जाने की अधिकतम समय सीमा भी समाप्त कर दी गई है। इसी के साथ निर्माण कार्यों को 75 किलोवॉट तक के अस्थायी कनेक्शन लेने के समय उसी कनेक्शन को निर्माण पूरा होने के बाद स्थायी कनेक्शन में बदलने का भी विकल्प दिया गया है। 

ऑनलाइन आवेदन पर अलग से नहीं देने होंगे दस्तावेज
बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को भी अब दस्तावेज हार्ड कॉपी के रूप में नहीं जमा कराने होंगे। ऑनलाइन आवेदन पर ही कनेक्शन देने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

यूपीसीएल के कार्यों के रेट बढ़े
11 केवी लाइन से कनेक्शन लेने पर टर्मिनल इक्विमेंट, एचटी केबिल, मीटर समेत अन्य कार्यों के लिए अब डेढ़ लाख की बजाय दो लाख लिए जाएंगे। स्वतंत्र फीडर के लिए अब चार लाख की बजाय छह लाख देने होंगे।

तय दूरी से अधिक पर कनेक्शन होने पर प्रति 100 मीटर 40 हजार की बजाय 80 हजार रुपये देने होंगे। 33 केवि लाइन से कनेक्शन लेने पर टर्मिनल इक्विमेंट, एचटी केबिल, मीटर समेत अन्य कार्यों के लिए अब दस लाख की बजाय बीस लाख लिए जाएंगे।

तय दूरी से अधिक पर कनेक्शन होने पर लाइन कॉस्ट के लिए प्रति 100 मीटर 755 हजार की बजाय सवा लाख रुपये देने होंगे। अंडरग्राउंड लाइन पर ढाई लाख की बजाय पांच लाख रुपये देने होंगे।

मीटर टेस्टिंग की होगी वीडियोग्राफी
अब मीटर टेस्टिंग की गतिविधियों की   वीडियोग्राफी होगी। मौके पर मीटर उतारने से लेकर लैब में पहुंचाने और जांच समेत सभी गतिविधियों की वीडियोग्राफी होगी। साईट से  मीटर उतार टेस्टिंग लैब में ले जाने को विशेष टैम्परप्रूफ स्पेशल सीलिंग किट बैग की व्यवस्था करनी होगी। 
ये भी करने होंगे बदलाव
-उपभोक्ताओं के अपने कनेक्शन का लोड बढ़ाने की प्रक्रिया निर्धारित करनी होगी।
-नये आवेदन पत्र, कनेक्शन लोड बढ़ाने, घटाने, नाम में परिवर्तन, विद्युत श्रेणी में परिवर्तन, कनेक्शन कटवाने के फॉर्म को सरल बनाना होगा।
-नये कनेक्शन देने को मौजूद लाइन के अनुसार ही लाइन का विस्तारीकरण करना होगा। एबी केबिल लाइन है, तो कनेक्शन उसी से देना होगा। लाइन अंडरग्राउंड है, तो कनेक्शन उसी से देना होगा।

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