कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग के सोच की झलक : पीएम मोदी

राजस्थान के पुष्कर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र पर ‘मुस्लिम लीग की छाप’ बताते हुए हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस 21वीं सदी में भारत को आगे नहीं बढ़ा सकती है। कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है, उसमें वही सोच झलकती है, जो आजादी के वक्त मुस्लिम लीग की थी, जो बचा है उस पर वामपंथी हावी हैं।

कांग्रेस के पास न सिद्धांत बचे हैं, न ही नीतियां: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने पुष्कर मेला मैदान में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल कांग्रेस पार्टी ने एक झूठ पुलिंदा का जारी किया है, अपना घोषणा पत्र जारी किया है। हर पन्ने पर भारत के टुकड़े करने की बू आ रही है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो सोच आजादी के समय मुस्लिम लीग में थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग के उस समय के विचारों को कांग्रेस आज भारत पर आज थोपना चाहती है। मुस्लिम लीग की छाप वाले इस घोषणा पत्र में जो बचा-कुचा हिस्सा था, उस पर वामपंथी हावी हो गए हैंं। आज कांग्रेस के पास न सिद्धांत बचे हैं और न ही नीतियां बची हैं। ऐसा लग रहा है, कांग्रेस सब कुछ ठेके पर दे चुकी है। पूरी कांग्रेस पार्टी को आउट सोर्स कर चुकी है।

कांग्रेस भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैली कर रही: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जनता के पैसों को लूटना ये लोग अपना खानदानी हक समझते थे। मोदी ने बीते 10 वर्षों में लूट की बीमारी का परमानेंट इलाज कर दिया है। मोदी ने इनकी लूट की दुकान का शटर गिरा दिया है। इसलिए ये बौखलाए हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, चुनाव जीतने के लिए रैली नहीं कर रही है, भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैली कर रही है। ये कितना भी बोलते रहे, भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई जारी रहेगी।

कांग्रेस के समय हर दिन अखबारों में घोटालों की खबरें छपती थीं: पीएम मोदी

पुष्कर में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जहां कांग्रेस का शासन है, वहां विकास नहीं है। कांग्रेस ने गरीबों, शोषितों और युवाओं की उपेक्षा की है। मोदी ने कांग्रेस को करेला और नीम बताते हुए इसे परिवारवादी और भ्रष्ट करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के समय में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, युवा, महिला… इन सभी का जीना मुश्किल हो गया था। हर दिन अखबारों में या तो घोटालों की खबरें छपती थीं या आतंकी हमलों की खबरें आती थीं। लेकिन 2014 से देश में एक बड़े बदलाव की शुरुआत हुई।

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