5जी के नाम पर लोगों से एक महीने में 80 लाख ठगे

नई दिल्ली: आज के समय में टेक्नोलॉजी ने उन सब कामों को भी लोगों के लिए आसान बना दिया है, जिसकी कल्पना भी एक समय में करना शायद मुश्किल थी. इसलिए लोग भी इन पर निर्भर होकर इनके आदि होते जा रहे हैं. जहां आम इंसान टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किसी भी काम की सहजता के लिए करता है, तो वहीं शातिर दिमाग वाले अपराधी इन्हीं टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों से चीटिंग करने में कर रहे हैं. (online fraude in Delhi )

एक ऐसे ही अनोखे तरह से ठगी के एक गैंग का खुलासा कर क्राइम ब्रांच के एंटी गैंग स्क्वाड की टीम ने 3 चीटरों को गिरफ्तार किया है. ये लोगों को 5G सर्विस के एक्टिवेशन, क्रेडिट कार्ड के एक्टिवेशन और कार्ड के एनुअल फ़ी में छूट दिलवाने का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे.

पैसों को FASTAG के वालेट्स में ट्रांसफर कर हरियाणा और पंजाब के पेट्रोल पंप से कैश करवा लेते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान एमडी. जाहिद, पवन सिंह और रवि मित्तल के रूप में हुई है. ये दिल्ली के नजफगढ, उत्तम नगर और हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं.

इनके पास से लैपटॉप, स्वाईप मशीन, आईफोन, डेबिट कार्ड और फेक एकाउन्ट बरामद किया गया है. आरोपियों ने ठगी की रकम से ऑडी और शेवरोले बीट जैसी लग्जरी गाडियां खरीदी थी.

स्पेशल कमिश्नर रविन्द्र सिंह यादव के अनुसार, क्राइम ब्रांच पुलिस हत्या के मामले के एक वांटेड आरोपी की तलाश में लगी थी. इसी क्रम में एजीएस पुलिस को एक शख्स मोहम्मद जाहिद के बारे में पता चला, जो हत्या के मामले के वांटेड आरोपी के साथ रह रहा था.

इस जानकारी के आधार पर एसीपी एजीएस नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन कुमार, राजेश कुमार, एएसआई गोविंद, वीरेंद्र और अन्य की टीम ने द्वारका के सेक्टर 11 स्थित सन व्यू अपार्टमेंट में छापा मारा. जहां हत्या के वांटेड आरोपी के साथ मोहम्मद जाहिद भी मौजूद था.

पुलिस ने वहां से 1 लैपटॉप, मोबाइल फोन्स, कार्ड स्वाइप मशीन, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड्स और होटल रानाजा इन् का मोहर बरामद किया है. पूछताछ में वो इन सामान से संबंधित सवालों पर संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया.

पुलिस ने जब उससे सख्ती बरती तो खुलासा करते हुए बताया कि वो लोगों से ठगी करने वाले एक गैंग का हिस्सा है. लोगों को 5G सर्विस, कार्ड एक्टिवेशन आदि का झांसा देकर उनसे ठगी करते हैं. उसके खुलासे के आधार पर पुलिस ने बरामद सामान को जब्त कर हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ कर आगे की जांच में जुट गई थी.

जांच के दौरान जाहिद ने बताया कि गैंग के किंगपिन पवन सिंह के एक फर्जी एकाउन्ट को मैनेज करने का काम करते थे. ठगी के पैसों को रिसीव करने के लिए फास्टैग वॉलेट का इस्तेमाल करते थे. फिर उस पैसे को रवि मित्तल नाम के शख्स के पास डाइवर्ट कर देते थे. रवि मित्तल हरियाणा और पंजाब के पेट्रोल और सीएनजी पंप पर स्वाइप मशीन से उसे कैश करवाता था और फिर अपना हिस्सा रखकर गैंग के सभी सदस्यों को पैसे भेज देता था.

रवि आईडीबीआई बैंक का फास्टैग बनाता था. इसके लिए वो अलग-अलग गाड़ियों का नंबर इस्तेमाल करता था. इन खुलासों और सबूतों के आधार पर पुलिस ने जाहिद को गिरफ्तार कर लिया और उससे मिली जानकारी और टेक्निकल-मैन्युअल सर्विलांस की सहायता से मास्टरमाईंड पवन सिंह और रवि मित्तल को भी दबोच लिया.

आरोपी अलग-अलग बैंकों के उन क्रेडिट कार्ड होल्डरों को टारगेट करते थे, जिन्हें हाल ही में कार्ड इश्यू किया गया था. ये उन्हें कॉल कर कार्ड एक्टिवेशन, क्रेडिट लिमिट बढ़ाने या एनुअल चार्ज माफ करवाने का झांसा देते थे. जब लोग इनकी बातों में आ जाते थे तो ये उनसे कार्ड नम्बर और ओटीपी हासिल कर पैसों को फास्टैग वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते थे.

आरोपी रवि IDFC बैंक का फास्टैग बनाता था, चूंकि इसे बनाने में सिर्फ आरसी और ओटीपी की जरूरत होती है. वो फास्टैग बना कर उसे IDBI के ई वॉलेट से अटैच कर देता था और फिर इसी वॉलेट में वो चीटिंग के पैसों को रिसीव कर आगे चुनिंदा पेट्रोल और सीएनजी पम्प ऑपरेटरों से कैश हासिल करता था.

आरोपियों ने एक महीने में 80 लाख से भी ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है. जाहिद और पवन पर पहले से ठगी के मामले दर्ज हैं. इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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