किसके हाथ में होगी कर्नाटक की कमान, सिद्धारमैया और शिवकुमार के अपने-अपने दावे

कांग्रेस के लिए कर्नाटक में परिस्थितियां लगातार मुश्किल होती नजर आ रही है। कर्नाटक में भले कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की हो लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां हैं। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया हैं तो दूसरी और इस बार कर्नाटक चुनाव में शानदार नेतृत्व देने वाले प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार। दोनों ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी अपनी मजबूत दावेदारी रखते हैं। दोनों के ऊपर विधायकों का भरोसा भी है। लेकिन दोनों में से मुख्यमंत्री कौन बने, इसको चयन कर पाना फिलहाल मुश्किल सा नजर आता दिख रहा है। पूरा का पूरा फैसला अब आलाकमान को करना है। कांग्रेस की ओर से 3 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे। यह तीनों पर्यवेक्षक रविवार शाम बेंगलुरु के होटल में पहुंचे थे जहां कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा जरूर की गई लेकिन फैसला नहीं हो सका। 

हालांकि, पर्यवेक्षकों की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपा गया है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों इस बात को मजबूती से कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को लेकर आलाकमान फैसला करेगा। पहले ही अपना आखिरी चुनाव होने का दावा कर चुके सिद्धारमैया लगातार मुख्यमंत्री बनने की योग्यता गिना रहे हैं। वही, डीके शिवकुमार दावा कर रहे हैं कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने 135 विधायक जीते हैं। सिद्धारमैया कह रहे हैं कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। वहीं, शिवकुमार का दावा है कि राज्य में पार्टी और संगठन को उन्होंने मजबूत किया है। डीके शिवकुमार के पक्ष में यह भी तर्क दिया जा रहा है कि 8 बार के विधायक होने के नाते वह मुख्यमंत्री बनने के लिए सभी योग्यताएं रखते हैं। 

एक रिपोर्ट यह भी आई है कि 2 साल पहले सिद्धारमैया को दिया जाएगा और इसी तरह बाद के 3 साल डीके शिवकुमार के होंगे। हालांकि, इसको लेकर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है। दूसरी ओर आलाकमान से मुलाकात करने सिद्धारमैया पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं, डीके शिवकुमार को लेकर कहा जा रहा था कि वह भी दिल्ली आएंगे लेकिन अचानक ही उनके दिल्ली आने का कार्यक्रम टल गया है। इसके बाद से कई और कयास लगने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, मेरे पेट में संक्रमण है और मैं आज दिल्ली नहीं जाऊंगा। हालांकि,. उनके भाई डीके सुरेश दिल्ली पहुंचे हैं। विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलुरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट आए। विधायकों की राय जानने के लिए गोपनीय मतदान भी कराया गया है। तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया गया है।

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