कृषि विधेयक बिल के खिलाफ किसानों के भारत बंद के ऐलान के बाद आज मंगलवार को प्रदेश में इसका असर देखने को मिला। हालांकि, राजधानी में व्यापारी वर्ग बंद से किनारा करते हुए दिखाई दिए लेकिन, कांग्रेसियों ने बंद का आह्वान किया।
प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के प्रमुख पल्टन बाजार को बंद कराने की कोशिश की जिससे कांग्रेसियों और व्यापारियों के बीच जमकर नाेकझोक भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को रोका। कांग्रेसियों ने गन्ने हाथ में लेकर दुकानों को बंद कराया। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
वहीं, काशीपुर व रुद्रपुर सहित कुमाऊं के अन्य शहरों में कई व्यापारी और धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने समर्थन देते हुए भारत बंद को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया। कहा कि किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सुबह आठ बजे से ही विरोध जुलूस निकालते हुए बाजार बंद करने और लाउडस्पीकर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया। इस दौरान संगठनों के प्रतिनिधियों ने किसान बिल का विरोध किया।
किसानों के समर्थन में देहरादून के बाजारों में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिखा।व्यापारी संगठनों का कहना है कि किसानों के आंदोलन को उनका समर्थन है, लेकिन बंद का कोई आह्वान नहीं किया गया है।
देहरादून के घंटाघर के पास प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में धरने पर कांग्रेसी बैठे । केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी। प्रीतम सिंह बोले किसानों के साथ अन्याय हो रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद भी तैनात किया गया।
एक संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी ने कहा है कि यदि कोई व्यापारी स्वेच्छा से अपना प्रतिष्ठान बंद रखना चाहता है तो वह रख सकता है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि किसान और व्यापारी एक सिक्के के दो पहलू हैं। हम किसानों के साथ हैं।
सरकार को अन्नदाताओं की फरियाद सुननी चाहिए। व्यापार मंडल उत्तराखंड प्रदेश किसानों का समर्थन करता है, लेकिन बंदी को लेकर जिला इकाइयां अपने जिले की परिस्थितियों के अनुरूप फैसला कर सकती हैं।
भारत बंद के मद्देनजर देहराूदन जिले में पुलिस भी सतर्क रही। प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि बंद के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले को नौ जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है।
जोन में सीओ और सेक्टर में थाना प्रभारी व्यवस्था बनाने के जिम्मेदार होंगे। सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेशों पर लगातार नजर रखने के लिए पीआरओ सेक्शन के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगी है।