नई दिल्ली। भारत ने सोमवार को अपनी सबसे ताकतवर इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर शाम साढ़े सात बजे किया गया। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस परीक्षण ने सभी परिचालन मानकों और इस मिसाइल प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रमाणित किया।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का परीक्षण कामयाब रहा। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मिसाइल का सफल परीक्षण देश की सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि का सूचक है। यह परीक्षण भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता की नीति की तस्दीक करता है।
20 मीटर लंबी और डेढ़ मीटर चौड़ी यह मिसाइल 17 टन वजनी है। यह 3500 से 4000 किलोमीटर दूर तक मार करने में सक्षम है। स्वदेश निर्मित यह मिसाइल जमीन से जमीन पर हमला करती है। 11 दिसंबर, 2010 को इस मिसाइल का पहला सफल परीक्षण किया गया था। इसको पहले अग्नि-2 के नाम से जाना जाता था। अग्नि-4 अब अग्नि-2 का अपडेटेड वर्जन है। इसमें पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर लगे हैं।
मौजूदा वक्त में इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल क्लब में शामिल है। इस क्लब में भारत अमेरिका रूस चीन और फ्रांस जैसे देश शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण प्रामाणिक न्यूनतम प्रतिरोध वाली नीति के अनुरूप है। यानी यह परीक्षण पहले इस्तेमाल नहीं करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है जब चीन के साथ गतिरोध कायम है।
इससे पहले भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। अग्नि-5 के जद में चीन के लगभग सारे शहर आते हैं। अग्नि-5 को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और डीआरडीओ ने तैयार किया है। अग्नि-5 मिसाइल 1.5 टन वजनी यानी 1500 किलो तक के परमाणु हथियार ले जा सकती है।