भारत ने हॉकी विश्व कप के पहले मुकाबले में हासिल की जीत

मेजबान भारत ने स्पेन को 2-0 से हराकर विश्वकप में शानदार आगाज किया। राउरकेला के बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अमित रोहिदास और हार्दिक सिंह की गोल की बदौलत टीम इंडिया ने जीत हासिल की।  इसके साथ ही भारतीय टीम ने पिछले तीन मैचों से स्पेन के खिलाफ जीत नहीं मिलने के क्रम को भी तोड़ दिया। भारत की यह विश्वकप में स्पेन के खिलाफ सात मैचों में तीसरी जीत रही, तीन मुकाबले में स्पेन जीता, जबकि एक ड्रॉ रहा। अंतिम बार विश्वकप में भारत ने स्पेन को 2002 के विश्वकप में 3-0 से हराया था।

21 हजार दर्शकों के अपार समर्थन के बीच भारत की जीत का अंतर और बड़ा हो सकता था, लेकिन उसने एक पेनाल्टी स्ट्रोक और पांच पेनाल्टी कार्नर गंवाए। उसे कुल छह पेनाल्टी कॉर्नर मिले। गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक ने स्पेन को मिले तीन पेनाल्टी कॉर्नर में से दो पर शानदार बचाव किए। भारतीय जीत में गोल करने वाले स्थानीय खिलाड़ी उपकप्तान अमित रोहिदास प्लेयर ऑफ द मैच रहे।

उड़ीसा के अमित ने दिलाई बढ़त
भारतीय टीम ने शुरुआती 10 मिनट में विरोधियों को परखा, इसके बाद आक्रमणों की झड़ी लगा दी। 11 से 14 मिनट के बीच तीन मिनट के अंदर भारतीय टीम ने तीन पेनाल्टी कॉर्नर प्राप्त किए। पहले पर गेंद ठीक ढंग से रोकी नहीं जा सकी। दूसरे पर हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक स्पेनी रक्षक से टकराकर डी के टॉप पर खड़े अमित रोहीदास के पास गई। उनके प्रथम प्रयास की जोरदार हिट को गोलकीपर राफी एड्रियन रोक नहीं पाए। उड़ीसा में हो रहे विश्वकप में भारत के लिए 12वें मिनट में पहला गोल उडिय़ा खिलाड़ी रोहीदास के नाम गया। इसके बाद भारत को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन बेकार गया।

हार्दिक ने किया दूसरा गोल
दूसरे क्वार्टर में 26वें मिनट में भारत के लिए दूसरा गोल हार्दिक सिंह ने किया। बांए छोर से वह 25 गज की रेखा से अकेले गेंद को लेकर डी में घुसे। गोल के मुहाने से उन्होंने बैक हिट लगाई जो पाउ कुनील की स्टिक से लगकर गोल में चली गई। हाफ टाइम तक भारत 2-0 से आगे था। इस दौरान भारत के पास 75 प्रतिशत गेंद पर कब्जा रहा।

हरमनप्रीत ने पेनाल्टी स्ट्रोक और शमशेर ने गंवाया गोल का मौका
तीसरे क्वार्टर में भारत का पूरा दबदबा रहा। इस दौरान उसकी बढ़त 4-0 होनी चाहिए थी, लेकिन 32वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह पेनाल्टी स्ट्रोक को नहीं भुना पाए। गोलकीपर राफी ने दायीं ओर गोता लगा गेंद को गोल के अंदर नहीं जाने दिया। हरमनप्रीत ने रेफरल लिया, लेकिन यह बेकार गया। 42वें मिनट में शमशेर सिंह को दाएं छोर से मिले सेंटर पर गेंद को सिर्फ गोल की दिशा दिखानी थी, लेकिन वह उसे ट्रैप नहीं कर पाए। उनके सामने पूरा गोल खाली पड़ा था। इससे पहले ललित उपाध्याय गोल के सामने गेंद को रोक नहीं पाए थे। भारत ने इस दौरान दो पेनाल्टी कॉर्नर भी गंवाए।

स्पेन का चौथे क्वार्टर में रहा दबदबा
अंतिम क्वार्टर में स्पेन ने गोल उतारने की भरसक कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षक पंक्ति और गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक ने विरोधियों के प्रयास सफल नहीं होने दिए।

राउरकेला में होने वाले सभी 20 मैचों के टिकट बिके
राउरकेला के बिरसामुंडा स्टेडियम में होने वाले सभी 20 मैचों के टिकट बिक चुके हैं। अमूमन भारत के मैचों के अलावा अन्य देशों के मुकाबले देखने लोग कम आते हैं, लेकिन राउरकेला के लोगों ने सभी मैचों की टिकट खरीद कर बता दिया है कि उन्हें हॉकी से कितना प्यार है। स्टेडियम की क्षमता 21 हजार है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने दावा किया है कि यह स्टेडियम कुर्सियों के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है।

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