पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर मई की शुरुआत से तनातनी जारी है। इसी बीच सोमवार को भारतीय सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को पकड़ा।
पीएलएल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका एक सिपाही रविवार रात को सीमा के पास से लापता हो गया। भारतीय सेना द्वारा उसके सिपाही को पकड़ने के बाद चीन ने सेना से प्रोटोकॉल के हिसाब से अपने सैनिक को लौटाने की गुहार लगाई है।
सेना ने कहा था कि उसने पीएलए के एक सैनिक को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक क्षेत्र से पकड़ा है, जिसकी पहचान कर्नल के तौर पर हुई है।
चीनी सैनिक को उस समय पकड़ लिया गया जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘भटक कर’ भारतीय क्षेत्र में आ गया था। यह घटना ऐसे समय हुई है जब सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों ने क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती कर रखी है। भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गई है। सेना ने कहा कि चीनी सैनिक को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंपा जाएगा।
पीएलए के ‘वेस्टर्न थिएटर कमांड’ के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने सोमवार रात एक बयान में कहा, ‘चीन को उम्मीद है कि 18 अक्तूबर की शाम स्थानीय चरवाहों के अनुरोध पर एक याक को वापस लाने में मदद करने के दौरान चीन-भारत सीमा इलाके में भटक गए चीनी सैनिक को भारत जल्द वापस कर देगा।’
उन्होंने कहा, ‘पीएलए सीमा सैनिकों ने घटना के बाद भारतीय सेना को सूचित किया और उम्मीद की कि भारतीय पक्ष खोज एवं बचाव अभियान में सहायता करेगा और भारतीय पक्ष ने मदद करने और लापता सैनिक को समय पर वापस करने का वादा किया।’
कर्नल झांग ने कहा कि भारत की ओर से मिली ताजा जानकारी के अनुसार भटका चीनी सैनिक मिल गया है और उसे चिकित्सकीय जांच के बाद चीन के हवाले किया जाएगा। झांग ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि भारतीय सेना जल्द से जल्द लापता चीनी सैनिक को सौंपने के अपने वादे पर खरा उतरेगी और वरिष्ठ कमांडरों की सातवें दौर की बैठक में दोनों पक्षों में हुई सहमति का पालन करेगी ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में शांति बनी रहे।’