लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच कई महीनों से तनाव जारी है। वहीं पाकिस्तान भी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगा है।ऐसे में नौसेना दिवस के मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि देश के सामने कोरोना और सीमा पर चीन से निपटने की चुनौती है और नौसेना इसके लिए पूरी तरह तैयार है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि भविष्य में नौसेना के लिए बनाए जाने वाले 43 युद्धपोतों और पनडुब्बियों में से 41 को भारत में बनाया जाना है, जिसमें स्वदेशी विमान वाहक भी शामिल होगा। ऐसा आत्मनिर्भर भारत अभियान के मद्देनजर किया जा रहा है।
नौसेना में महिला अधिकारियों को लेकर जानकारी देते हुए एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना ने नवंबर में जहाजों पर चार महिला अधिकारियों को नियुक्त किया है और दो महिला अधिकारियों को मालदीव और रूस में विदेशी बेलेट में नियुक्त किया गया है।
एडमिरल सिंह ने कहा कि देश के सामने कोरोना वायरस महामारी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की नापाक हरकतों से निपटने की दोहरी चुनौती है। इन दोनों चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेना पूरी तरह तैयार है। भारतीय नौसेना परीक्षा की इन घड़ियों में मजबूती से डटे रहने के लिए दृढ़ संकल्पित है। नौसेना प्रमुख ने कहा, हमने सेना और भारतीय वायु सेना की आवश्यकता पर विभिन्न स्थानों पर पी-8 आई विमान तैनात किए हैं। इसके अलावा, हमने उत्तरी सीमाओं पर हेरोन निगरानी ड्रोन तैनात किए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में तीन चीनी युद्धपोत हिंद महासागर क्षेत्र में हैं। चीन एंटी-पायरेसी पैट्रोल को लेकर 2008 से तीन जहाजों का रखरखाव कर रहा हैं।नौसेना प्रमुख ने कहा, हिंद महासागर में अतिक्रमण (चीनी जहाजों द्वारा) की स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास एक एसओपी है। लीज पर लिए गए दो प्रीडेटर ड्रोन हमारी निगरानी क्षमता में अंतर को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 24 घंटे निगरानी क्षमता हमें निरंतर निगरानी करने में मदद कर रही है।
जब एडमिरल सिंह से चीन के साथ जारी संघर्ष में नौसेना की भूमिका को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, नौसेना की गतिविधियां भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ निकट समन्वय और तालमेल में हैं। हम किसी भी परिस्थित से निपटने के लिए तैयार हैं।