भारत-नेपाल दोनों तरफ बन रही एकीकृत जांच चौकी, 2004 में मिली थी मंजूरी

भारत नेपाल सीमा पर एकीकृत जांच चौकी बननी शुरू हो गई है। भारत ही नहीं नेपाल में भी एकीकृत जांच चौकी बननी शुरू हो गई है। इससे आने वाले दिनों में जहां समस्याएं दूर होंगी, वहीं सुविधाएं भी बढ़ जाएंगी। वाहनों की आवाजाही के दौरान जरूरी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। एक छत के नीचे ही सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। जिससे यात्री समेत पर्यटकों की मुश्किल दूर हो जाएगी।

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2004 में सोनौली में एकीकृत जांच चौकी बनने की मंजूरी मिली थी। भारतीय क्षेत्र से होकर नेपाल जाने एवं आने वाले पर्यटकों एवं यात्रियों के लिए कस्टम एवं आव्रजन की सुविधा एक छत के नीचे मिलेगी। इसके लिए निर्धारित मानक के अनुसार जरूरी कार्य कराए जा रहे हैं।

ट्रकों  को जरूरी प्रपत्रों पूरा करने में आसानी होगी। एकीकृत चौकी में करीब पाच हजार वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था होगी। चालकों के साथ ही यात्रियों के लिए भी विशेष सुविधाएं रहेगी। पूरी परिसर सीसीटीवी कैमरे से लैस रहेगा।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि एकीकृत जांच चौकी 700 करोड की लागत से 143 एकड़ भूमि में बनाई जाएगी। सीमा पार व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत जांच चौकी मददगार होगी। जुगौली व सुकरौली गांव से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से जोड़ने के लिए सड़क भी बनाई जाएगी।

भूमि अधिग्रहण करीब पूरा हो गया
एकीकृत जांच चौकी के लिए  भूमि अधिग्रहण करीब पूरा हो गया है। 300 किसानों की भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। राजस्व विभाग के अनुसार 288 किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष 12 भू-स्वामियों के साथ औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। 79 करोड़ रुपये में जमीन का अधिग्रहण हुआ है।

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