IPL 2021 से होगी चीनी कंपनी वीवो की छुट्टी, ये दो भारतीय कंपनियां जगह लेने को हैं तैयार

चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो (Vivo) इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में अपने टाइटल प्रायोजन अधिकार ट्रांसफर करना चाहती है. उसकी जगह लेने में ड्रीम 11 और अनअकेडमी दौड़ में आगे मानी जा रही हैं. ड्रीम 11 आईपीएल 2020 का टाइटल प्रायोजक था जिसने 220 करोड़ रुपये में अधिकार खरीदे थे. वीवो ने पांच साल के करार के लिए 440 करोड़ रुपये सालाना का करार किया था. समझा जाता है कि भारत और चीन के राजनीतिक संबंधों में तनाव के मद्देनजर वीवो का मानना है कि यह साझेदारी जारी रखना बुद्धिमानी का फैसला नहीं होगा.

बोर्ड के एक सूत्र ने बताया, ‘यह लगभग तय है कि वीवो का आईपीएल टाइटल प्रायोजन करार आपसी सहमति से खत्म होने जा रहा है. इसे 2020 में निलंबित किया गया था. इसके एक प्रावधान है कि वह अपना बकाया दायित्व नए प्रायोजक को दे सकता है. बोर्ड सैद्धांतिक रूप से तैयार हो जाए तो यह संभव है. ड्रीम 11 और अनअकेडमी वीवो के सामने प्रस्ताव रखेंगे. अनअकेडमी सहायक प्रायोजक है और वीवो से अधिकार लेने के लिए बड़ी रकम चुकाने को तैयार है.’

नीलामी के दौरान दिख सकता है वीवो का लोगो

आईपीएल 2022 में नौ या दस टीमें होंगी और समझा जाता है कि नए बोली लगाने वाले को कम से कम तीन साल के टाइटल प्रायोजन अधिकार मिलेंगे. समझा जाता है कि एमपीएल को टाइटर स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. एमपीएल भारतीय टीम का किट स्पॉन्सर है. बीसीसीआई प्रबंधन को लगता है कि इस सप्ताह के आखिर तक इस बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी. तब तक वीवो को भी फाइनल ऑफर मिल जाएगा. बीसीसीआई सूत्र ने कहा,

देखिए वीवो ने एक साल के करीब 440 करोड़ रुपये दिए थे. अब अगर बीसीसीआई नई बोली मंगाता है जैसे उसने पिछले साल मंगाई थी और ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपये दिए थे, तो हो सकता है कि बोली की रकम बढ़ जाए लेकिन वह दुगुनी नहीं हो सकती है. लेकिन अगर टाइटर स्पॉन्सरशिप के अधिकार ट्रांसफर होते हैं तो पुरानी रकम मिल सकती है या फिर उससे ज्यादा पैसे भी मिल जाए.

बताया जाता है कि 18 फरवरी को आईपीएल नीलामी के दौरान आईपीएल के टाइटल के साथ वीवो का लोगो ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

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