संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति में घसीटना सही नहींः उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी राज्य के लगातार दौरों पर की गई भद्दी टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “सत्ता में बैठे लोगों” को संवैधानिक पदों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि आप यहां बार-बार क्यों आते हैं। मुझे उम्मीद नहीं थी कि सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक पदों को हल्के में लेंगे। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। संवैधानिक पदों का सम्मान होना चाहिए और हम सभी को एकजुट होकर, हाथ में हाथ डालकर, सहमति से सहयोग और समन्वय के साथ बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा करनी होगी।

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राजस्थान से ही आते हैं। वह उपराष्ट्रपति की राज्य यात्रा पर सवाल उठाने वाली गहलोत की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे। धनखड़ ने शुक्रवार को लक्ष्मणगढ़ में एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में कहा,‘‘मैं यहां पर आया हूं। यह कोई गलत काम थोड़े ही है? पहले भी कई जगह गया पर कुछ लोगों ने कहा कि आप बार-बार क्यों आते हैं। मुझे समझ में नहीं आता है कि आप ‘बार-बार’ की बात क्यों कह रहे हैं? मैं थोड़ा अचंभित हो गया क्योंकि कहने वाले न तो संविधान को पढ़ा, न कानून को पढ़ा, न अपने पद की मर्यादा रखी।’’ गहलोत ने कहा कि कुछ तो दया करो। वह दिन-रात राज्य में भ्रमण करते हैं, क्या इसका कोई तर्क है? यह कौन सा तर्क है? उन्होंने कहा कि अगर उपराष्ट्रपति चुनाव वाले राज्य का दौरा करते रहेंगे तो लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि धनखड़ ने कुछ ही हफ्तों में 5-7 बार राजस्थान का दौरा किया था। पिछले कुछ दिनों में गहलोत ने कई मौकों पर धनखड़ पर हमला बोला है। गुरुवार को नीमराणा में एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि राजनेताओं को उपराष्ट्रपति को नहीं भेजना चाहिए क्योंकि यह एक संवैधानिक पद है। राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव होंगे। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उपराष्ट्रपति को उनके राज्य में आने के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति लेने की जरूरत है। मेघवाल ने कहा कि उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) के लिए सीएम (अशोक गहलोत) ने कहा, वह अब क्यों आ रहे हैं? तो उपराष्ट्रपति उनसे अनुमति लेकर आएंगे?

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