जालंधर : तेज रफ्तार क्रेटा ने कई लोगों को मारी टक्कर

जालंधर के दोआबा चौक के पास सोढल रोड पर स्थित प्रीत नगर में रविवार रात करीब पौने दस बजे तेज रफ्तार क्रेटा चालक ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में एक महिला की मौत हो गई। वहीं एक कुत्ते की भी जान चली गई। घटना के बाद कार चालक को लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। 

प्रीत नगर निवासी राजीव कुमार ने बताया कि वह कुछ ही देर पहले अपनी स्विफ्ट कार घर के बाहर खड़ी कर अंदर गया था कि अचानक से जोर की आवाज आई। वह बाहर आया तो देखा कि क्रेटा कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी थी। क्रेटा कार के दोनों एयर बैग खुल गए थे और आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। गाड़ी इतनी रफ्तार से थी कि सड़क किनारे बनी छोटी दीवार को तोड़ते हुए कार से टकरा गई। 

प्रत्यक्षदर्शी जसविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने क्रेटा कार चालक को तेज रफ्तार से आते हुए देखा तो लोगों को हटने के लिए कहा लेकिन जब तक लोग कुछ समझ पाते वह सभी को अपनी चपेट में ले चुका था। क्रेटा कार की चपेट में आए न्यू हरगोविंद नगर का परिवार गंभीर रूप से घायल हो गया जो चौक में रेहड़ी पर चाट खाने के लिए रुके थे। हादसे में घायल रोहित कुमार, वंदना और 5 साल की बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान वंदना ने दम तोड़ दिया। वही रोहित की हालत गंभीर बनी हुई है। सैर कर रहे व्यक्ति ने चोटिल होने और कुत्ते की मौत के बाद एमएलआर कटवा कर पुलिस शिकायत करने की बात कही। दूसरी ओर स्विफ्ट कार मालिक राजीव कुमार ने थाना आठ की पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है कि उनकी घर के बाहर खड़ी कार क्रेटा की टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गई है। 

चालक बोला-पड़ा था मिर्गी का दौरा
घटना के बाद जब लोगों ने क्रेटा कार चालक सुनील अरोड़ा को कार से बाहर निकाला तो उसने कहा कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा था जिससे उसे कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हो गया। उधर दूसरी ओर थाना आठ के प्रभारी संजीव कुमार ने आरोपी सुनील अरोड़ा को गिरफ्तार कर देर रात को उसका मेडिकल करवाया, जिसकी रिपोर्ट देर शाम तक आएगी। हादसे में पत्नी को खोने वाले रोहित कुमार के बयानों पर पुलिस कार्रवाई होगी जो अभी कुछ बोलने की हालत में नहीं है। 

सिविल अस्पताल के मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को मिर्गी या अन्य इस तरह के दौरे पड़ते हैं तो उसे खुद कार नहीं चलानी चाहिए। क्योंकि इससे वह खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है और इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि व्यक्ति की मेडिकल फिटनेस देखने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करें ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके। 

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