जम्मू कश्मीर: बच्चों ने देश के रक्षकों की कलाई पर बांधीं राखियां

देश भर की तरह जम्मू कश्मीर में सीमावर्ती गांवों में भी रक्षाबंधन की धूम है। शिक्षण संस्थानों से लेकर महिला संगठन सीमा प्रहरियों के साथ इस खुशी को साझा कर रही हैं। जम्मू के अखनूर, सांबा, पुंछ में स्कूली बच्चों ने सेना के जवानों के साथ रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया।

रक्षा बंधन पर अपने परिवार से दूर सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भाई-बहन के स्नेह का खूब अहसास मिला। जम्मू के अखनूर सेक्टर में स्कूली छात्राओं को भारतीय सेना के जवानों के हाथों पर राखी बांधी। बच्चों ने उनके माथे पर तिलक लगाया और उनके मंगलकामना के लिए प्रार्थना की।

स्कूली छात्राओं ने कहा कि वे हमारी रक्षा के लिए यहां हैं। इसलिए मुझे लगा कि उनकी सेवाओं को स्वीकार करना और उनके लिए अपना भाई-बहन का कर्तव्य निभाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें विश्वास है कि हमने उनके हाथों पर जो राखी बांधी है, वह उनकी रक्षा करेगी।

जवानों के साथ उनके अधिकारी भी उपस्थित हुए, जिन्हें बच्चों ने राखी बांधकर स्नेह बांटा। नायब सूबेदार रविंदर सिंह, नायब सूबेदार सुखदेव सिंह, चौथी बटालियन जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के 30 जवानों ने विद्यालय परिसर में आकर बच्चों से राखियां बंधवाईं और उनकी रक्षा का प्रण दोहराया।

jammu kashmir: little girls tying rakhi to jawans guarding borders of nation and distributed sweets

विद्यालय की छात्राओं ने भाई-बहनों से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिन्हें खूब सराहा गया। भारतीय शिक्षा समिति के महामंत्री हरि भूषण, हम ट्रस्ट के सदस्य और विद्या मंदिर राजोरी के प्रभारी मनोज, संगीता महिला सशक्तिकरण की सदस्य, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य पुरुषोत्तम लाल दुबे व रोटरी क्लब के पदाधिकारी उपेंद्र गुप्ता भी इस मौके पर उपस्थित रहे।  

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परगवाल में हायर सेकेंडरी स्कूल में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम करवाया गया। छात्राओं ने सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर भाई-बहन के प्यार को उजागर किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सेना और बीएसएफ के जवान शामिल हुए।

सीमा प्रहरियों ने भरोसा दिलाया की देश की रक्षा के साथ-साथ क्षेत्र में सुख-शांति और भाईचारे के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। प्रधानाचार्य बलवीर सुदन ने बताया कि छात्राओं ने खुद राखियां तैयार कर सरहद पर तैनात जवानों को भेजी हैं। उन्होंने बच्चों की ओर से बनाई गई राखियों की प्रशंसा की।

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