जम्मू-कश्मीर: कठुआ के हॉस्टल में फंदे से झूलता मिला छात्र का शव

राजकीय डिग्री कॉलेज कठुआ के छात्र अरुण कुमार निवासी करौली पठानकोट का हॉस्टल में फंदे से झूलता हुआ शव मिला। इसकी जानकारी मिलने के बाद परिजन उग्र हो गए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को पंजाब से जोड़ने वाले दोनों पुल लखनपुर में प्रदर्शन कर जाम कर दिए। इससे दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है

मौके पर पहुंची पुलिस जाम खुलवाने और परिजनों ने बात कर रही है। प्रदर्शनकारी शुक्रवार को कठुआ के राजकीय डिग्री कॉलेज के हॉस्टल में मिले छात्र के शव को लेकर धरने पर बैठे हैं। परिजनों ने छात्रा की हत्या का अंदेशा जताया है। शुक्रवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब कॉलेज के एक छात्र का शव हॉस्टल के उसके कमरे में ही फंदे से लटकता पाया गया। मृतक अपने नाना-नानी के यहां बिलावर में ही पला बढ़ा और 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद राजकीय डिग्री कॉलेज कठुआ से स्नातक कर रहा था।

कठुआ में छात्र की मौत के बाद प्रदर्शन करते लोग – फोटो : अनिल कुमारयुवक के फंदा लगाने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टल में जमा हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम ने कमरे में सुबूत जुटाए गए हैं। पुलिस के अनुसार कॉलेज के छात्रों से ही उन्हें छात्र के फंदा लगाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद फिलहाल जांच जारी है। कुछ छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है जो आखिरी बार इसके संपर्क में आए थे। एसएसपी कठुआ शिवदीप सिंह ने बताया कि कमरे में शव मिला है। फिलहाल जांच जारी है।

कठुआ में छात्र की मौत के बाद प्रदर्शन करते लोग – फोटो : अनिल कुमार

नानी ने कहा छीन लिया मेरा लाल, हत्या हुई है अरुण की

छात्र की मौत के बाद दोपहर के समय उसके नाना-नानी और अन्य परिजन भी कठुआ पहुंचे। अस्पताल में विलाप करते परिजनों ने अरुण की मौत को हत्या बताया है। उसकी नानी ने कहा कि अरुण हॉस्टल के कमरे में अकेला रहता था। हॉस्टल प्रबंधन को इसकी जानकारी थी। उसको किसी और के साथ एडजस्ट आखिर क्यूं नहीं किया गया।

कठुआ में छात्र की मौत के बाद हॉस्टल पहुंचे परिजन – फोटो : अनिल कुमारबताया कि तीन भाईयों में से एक अरुण मूल रूप से पठानकोट में रहता था। लेकिन उन्होंने उसे शिक्षा के लिए अपने पास बुला लिया था। अरुण के माता पिता इतने समृद्ध नहीं थे, लिहाजा उन्होंने अपने स्तर पर उसका दाखिला बिलावर के निजी स्कूल में करवाकर, वहीं बारहवीं तक पढ़ाई पूरी करवाई। इसके बाद उसके साथी जब डिग्री कॉलेज कठुआ पढ़ने के लिए आए तो अरुण ने भी यहीं दाखिला ले लिया था।

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