जम्मू-कश्मीर: शिक्षिका रजनी बाला को सभी स्कूल में दी गयी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूलों में गुरुवार को शिक्षिका रजनी बाला को श्रद्धांजलि दी गई। सभी राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर शिक्षिका रजनी बाला को याद किया।

31 मई को शिक्षिका रजनी बाला को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के गोपालपोरा हाई स्कूल में आतंकवादियों ने गोलियों का निशाना बनाया था, जिससे उनकी मौत हो गई थीं। शिक्षिका की मौत के दसवें दिन पर गुरुवार को प्रदेश के सभी स्कूलों में असेंबली के दौरान सुबह साढ़े बजे दो मिनट का मौन रखा गया।

Gopalpora High School

गोपालपोरा हाई स्कूल ने अपने टीचर को किया याद

कुलगाम के गोपालपोरा हाई स्कूल में आज भावनात्मक नजारा देखने को मिला। स्कूली विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों दो मिनट का मौन रखकर अपनी शिक्षिका रजनी बाला को याद किया। रजनी बाला पिछले पांच साल से इस स्कूल में पढ़ा रही थीं। रजनी बाला ने आर्ट्स में एमए किया था। साथ ही उनके पास बीएड और एमफिल की डिग्री भी थी।

राजकीय गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल अमीरा कदल, श्रीनगर

शिक्षिका रजनी बाला के नाम पर होगा गोपालपोरा स्कूल

कुलगाम जिले में गोपालपोरा स्कूल अब आतंकी हमले में मारी गईं शिक्षिका रजनी बाला के नाम से जाना जाएगा। बुधवार को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सांबा स्थित रजनी बाला के घर जाकर परिवार सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार रजनी बाला के परिवार के साथ है। उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी। वहीं, पीड़ित परिजनों की ओर से ज्ञापन सौंपकर रजनी बाला के लिए शहीद का दर्जा मांगा गया। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि स्कूल का नाम बदलने की व्यवस्था की जा रही है।

Govt Model Higher Secondary School Batote

सांबा में रजनी के परिवार वालों से मुलाकात के बाद एलजी ने ट्वीट कर लिखा – आज सांबा स्थित रजनी बाला के परिवार वालों से मुलाकात की है। रजनी कश्मीर घाटी में ऐसी शिक्षक थीं, जिनकी सभी प्रशंसा करते थे और सेवाकाल के दौरान प्रेरक शिक्षक के रूप में उन्हें स्नेह भी मिला। जम्मू-कश्मीर प्रशासन रजनी बाला के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगा।

राजकीय स्कूल, चिनैनी

शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन देखने को मिले। कश्मीर संभाग में एक के बाद एक हुई टारगेट किलिंग को लेकर जम्मू और कश्मीर संभाग में लोगों में भारी रोष देखा गया। इसके बाद से घाटी में पीएम पैकेज के तहत नौकरी कर कश्मीरी पंडित और अन्य डोगार कर्मचारी कश्मीर से बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग कर रहे हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here