जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के प्रस्तावित प्रारूप से असहमत सभी संगठन चाहते हैं कि आयोग से मुलाकात का मौका सिर्फ लिखित में आपत्तियां जमा कराने वालों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे अन्य लोगों को भी मिलना चाहिए। इनका तर्क है कि परिसीमन आयोग महज दो दिन में कैसे समझेगा हमारा पक्ष। उसे कम से कम एक सप्ताह तक सभी पक्षों से मिलना चाहिए। अन्यथा परिसीमन को लेकर जो आशंकाएं विभिन्न राजनीतिक दलों ने व्यक्त की हैं, वह सही ठहराई जाएंगी।
जस्टिस (सेवानिवृत) रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित परिसीमन आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले चार अप्रैल को जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ रहा है। पहले इसे 27 मार्च को आना था, लेकिन अब इसका कार्यक्रम बदला गया है। परिसीमन आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, आयोग चार अप्रैल को जम्मू स्थित कन्वेंशन सेंटर में जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों और पांच अप्रैल को श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में कश्मीर के प्रतिनिधिमंडलों से मिलेगा। दोनों जगह मुलाकात के दो-दो सत्र रखे गए हैं।