बहुचर्चित फर्जी गन लाइसेंस मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी शामिल हो गया है। ईडी ने इस घोटाले में धन के लेन-देन से संबंधित धनशोधन का मामला दर्ज कर एक मौजूदा और दो पूर्व नौकरशाहों के ठिकानों के अलावा छह बंदूक विक्रेताओं के घरों व उनके प्रतिष्ठानों समेत 11 जगह तलाशी ली है। बताया जाता है कि इन छापों में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज व नकदी बरामद हुई है। वर्ष 2012 से 2016 के बीच जम्मू कश्मीर से पौने तीन लाख गन लाइसेंस जारी हुए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अलग-अलग दस्तों ने वीरवार की सुबह नौ बजे से जम्मू और श्रीनगर में आरोपितों के घरों में छापेमारी शुरू की, जो देर रात तक चली। श्रीनगर में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी इतरत हुसैन और उपायुक्त कार्यालय के क्लर्क तारिक अतहर के घर तलाशी ली गई। इतरत हुसैन कुपवाड़ा के उपायुक्त रह चुके हैं।
जम्मू में ईडी की टीम ने गुलाम बाग कनाल रोड स्थित आइएएस अधिकारी राजीव रंजन के घर में छापा मारा। राजीव रंजन भी कुपवाड़ा के जिला उपायुक्त रहे हैं। उन्हें और इतरत हुसैन को सीबीआइ ने मार्च 2020 में फर्जी गन लाइसेंस मामले में गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने राजीव रंजन को निलंबित कर दिया था और आठ फरवरी 2021 को उन्हें दोबारा बहाल किया गया था।
कुपवाड़ा में अतिरिक्त जिला उपायुक्त रहे जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रविंद्र भट्ट के उदयवाला जम्मू स्थित मकान में भी ईडी के अधिकारियों ने तलाशी ली है। रविंद्र को कुछ माह पहले ही प्रदेश प्रशासन ने समयपूर्व सेवानिवृत्त किया है।