जम्मू-कश्मीर में शराब कारोबार को कुछ परिवारों के चंगुल से मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने दो साल पहले दुकानों की आनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी पर यहां भी शराब माफिया बड़ा ‘खेल’ कर गया। आनलाइन नीलामी में मिलीभगत से ऐसा खेल किया कि काफी दुकानों पर गठजोड़ काबिज हो गया, वह भी बहुत कम दाम पर। यह खेल देख आबकारी अफसर भौंचक रह गए। वह अब गठजोड़ को उसकी भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं।
आबकारी विभाग ने मार्च माह में ही प्रदेश में 279 शराब की दुकानों की आनलाइन नीलामी करवाई थी ताकि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता आए और सरकार का राजस्व बढ़े। लेकिन सरकार को राजस्व का चूना लगाने के लिए शराब कार्टेल ने हाथ मिला लिए और मिलजुल कर शराब की दुकानों की बोली लगाई।
कुछ चुनिंदा दुकानों की आनलाइन बोली इतनी अधिक बढ़ा दी गई कि छोटे दुकानदार दौड़ से बाहर हो गए। दूसरे नंबर पर बोली जान-बूझकर काफी कम रखी गई। पैसा जमा कराने के वक्त सफल बोलीदाता ने इन्कार कर दिया। नियमानुसार सबसे अधिक बोली लगाने वाले को सात दिन के भीतर 50 प्रतिशत राशि जमा करवानी होती है। ऐसा न होने की सूरत में नियमानुसार विभाग को दूसरे नंबर की बोली लगाने वाले को लाइसेंस आवंटित करना होगा।