झारखंड कैबिनेट: एससी नेता को हिस्सा न बनाने पर भाजपा ने की आलोचना

झारखंड की नई चंपई सोरेन कैबिनेट में आठ मंत्रियों ने शपथ ली। इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों ने असंतोष व्यक्त किया है। दरअसल, उनकी मांग के अनुसार कई नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल नहीं गया है। कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने दावा किया कि कैबिनेट विस्तार से पहले ही उन्होंने अपना विचार रखा था।

नए मंत्रीमंडल से खुश है नहीं कांग्रेस 
दीपिका पांडे ने कहा, ‘हमारी मांग थी कि अगर नई सरकार बनती है या मंत्रिमंडल में फेरबदल हुई तो नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।’ कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा कि विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है और उनकी मांग जस की तस है। 

उन्होंने कहा, ‘हम 12 लोग है। हमने चिट्ठी के जरिए पीसीसी अध्यक्ष को अपनी चिंता से अवगत कराया है। हम सिर्फ अपनी पार्टी को इससे अवगत कराना चाहते हैं। शपथ समरोह में शामिल होने का यह मतलब नहीं कि हम अपनी मांगे भूल चुके हैं।’

 शपथ समारोह के बाद विधायकों से मिलने के बाद झारखंड के कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, ‘पार्टी इसपर चर्चा करेगी। उन्होंने शपथ समारोह से पहले ही अपनी भावनाएं जाहिर कर दी थी। हम उनके विचारों से अवगत हैं और इसपर हम चर्चा करेंगे।’

झारखंड की कांग्रेस नेता अंबा प्रसाद ने कहा, ‘हमारे 12 विधायकों ने बताया कि हम लंबे समय से ही राज्य में असंतोष का सामना कर रहे हैं। लंबे समय से लंबित कार्य लंबित ही पड़े हैं। वे सोचते हैं कि वे पार्टी संगठन के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, वे उत्तरदायी भी नहीं है। वे किसी भी मुद्दे पर ईमानदार नहीं है। कई बयान दिए गए कि नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।’

भाजपा नेता ने की नई सरकार की आलोचना 
वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार में अनुसूचित जाति के नेता को शामिल न करने पर आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया, झारखंड के नए मंत्रिमंडल में एक भी अनुसूचित जाति के नेता को शामिल नहीं किया गया है। यहr कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी का असली चेहरा है।

झारखंड कैबिनेट से नाम हटाने पर जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। बैद्यनाथ राम ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कैबिनेट से मेरा नाम हटाना पूरी तरह से गलत फैसला है। मैं इससे निराश हूं। इसके पीछा का कारण कांग्रेस की तरफ से दवाब डालना है।’

बता दें कि जेएमएम नेता मिथिलेश कुमार ठाकुर, बसंत सोरेन – जेएमएम नेता और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के भाई हफीजुल हसन, बेबी देवी, दीपक बिरुआ, कांग्रेस के रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले दो फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 

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