झारखंड: कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई

राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच विवाद बढ़ गया है। दरअसल, झामुमो की ओर से राज्यसभा के लिए पार्टी नेता महुआ माजी को उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि यहां कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारना चाहती थी। बताया जा रहा है कि ऐसे में राज्यसभा सीट न मिलने से कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व झामुमो से नाराज हो गया है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। यह बैठक रांची में आज होगी। 

जानकारी के मुताबिक, आज होने वाली बैठक से पहले अनिनाश पांडे ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के नेताओं की नाराजगी उनके सामने रखी। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के ही निर्देश पर आज की बैठक बुलाई गई है। झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि झामुमो ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। हमारा विचार था कि गठबंधन के सभी सहयोगी दल सर्वसम्मति से एक नाम पर सहमति बनाएं और उसे प्रत्याशी बनाएं। कांग्रेस इस बार अपने उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए उतारना चाहती थी। 

दोनों तरफ से हो गठबंधन धर्म का पालन 
कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा है कांग्रेस ने अपना गठबंधन फर्ज हमेशा निभाया है। यह हमारे लिए बहुत हताशा वाली बात है कि उनकी सोनिया गांधी से जो बात हुई, इसके बावजूद उन्होंने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। वो बात करके आए थे वहां पर कुछ और सहमति बनी और यहां पर आकर उन्होंने अपना निर्णय ले लिया। गठबंधन धर्म दोनों तरफ से चलते रहना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं, जो भी मतभेद हैं वो ठीक हों, जिससे राज्य पर इसका प्रभाव न पड़े। 

कांग्रेस उतारना चाहती थी अपना प्रत्याशी 
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस झारखंड से अपना प्रत्याशी उतारना चाहती थी। कांग्रेस का कहना था कि पिछले राज्य सभा चुनाव में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को राज्य सभा भेजा गया था। ऐसे में इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को उच्च सदन भेजा जाए। कांग्रेस संख्या बल के आधार पर अकेले इस सीट को नहीं जीत सकती थी, ऐसे में पार्टी नेतृत्व चाहता था कि गठबंधन वाली सरकार में झामुमो कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करे। इसको लेकर पिछले दिनों सोनिया गांधी और सीएम हेमंत सोरेन के बीच लंबी बैठक भी हुई थी। हालांकि, बाद में सोरेन ने पार्टी नेता महुआ माजी की उम्मीदवारी का एलान कर दिया। 

समर्थन वापस ले सकती है कांग्रेस 
झारखंड में इस समय गठबंधन वाली सरकार है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर नाराज चल रही कांग्रेस झामुमो से अपना समर्थन वापस ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो हेमंत सोरेन की सरकार गिर सकती है। वहीं हेमंत सोरेन का कहना है कि मैं सीधी बात करना पसंद करता हूं, लेकिन अभी गठबंधन से बंधा हुआ हूं, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। 

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