झारखंड: रांची हिंसा में मरे लोगो को मुआवजा देने की मांग

झारखंड की राजधानी रांची में हिंसा भड़कने के बाद से माहौल गर्म है। इस मामले पर अब राजनीति भी तेज हो गई है। मुस्लिम धर्मगुरुओं से लेकर नेताओं की तरफ से जुबानी तीर छोड़े जा रहे हैं। इसी क्रम में आज इस घटना को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन के नेतृत्व में एक गठित टीम रांची के डीआईजी अनीश गुप्ता से मिलने पहुंचे। मिलने के बाद हकीमुद्दीन मीडिया से मुखातिब हुए और सरकार से कई मांग की। 

मृतक के परिजनों को आर्थिक मुआवजा मिले: हकीमुद्दीन
हकीमुद्दीन ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के कारण एक दिन पहले रांची में स्थिति खराब हो गई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इसलिए हम डीआईजी से मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि सरकार को घायलों के इलाज में मदद करनी चाहिए और मृतक के परिजनों को आर्थिक मुआवजा देना चाहिए। हमने डीआईजी से नाजायज गिरफ्तारियों को रोकने की अपील की है। पुलिस जनता को मारने में शामिल थी। 

हमने शांति की अपील की: मौलाना हकीमुद्दीन
मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि हमने शांति की अपील के लिए डीआईजी से मुलाकात की है और डीसीपी से मुलाकात करेंगे। हम डीजीपी, राज्यपाल और सीएम से भी मिलने की कोशिश कर रहे हैं। घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है, और डीआईजी के अनुसार एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी। 

अनुसंधान टीम का गठन हुआ है:  डीआईजी
रांची हिंसा पर DIG अनीश गुप्ता ने कहा कि अनुसंधान टीम का गठन हुआ है जिसका नेतृत्व सिटी SP कर रहे हैं। जहां-जहां घटना हुई वहां पर मजिस्ट्रेट और पुलिस के बयान पर FIR दर्ज़ हुई है। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति या उसकी संपत्ति को नुकसान हुआ है तो उसके आधार पर भी FIR दर्ज हुई है।

मामले में आठ FIR दर्ज की गई हैं: डीआईजी
डीआईजी ने कहा किमामले में कुछ नामजद अभियुक्त भी शामिल हैं। SIT घटना क्षेत्र में CCTV का अवलोकन कर रही है। उसमें जो भी दोषी होंगे उन्हें चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अभी तक मामले में आठ FIR दर्ज की गई हैं और हमें जो भी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं उन पर भी अनुसंधान चल रहा है। अभी तक कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और जो भी चेहरे सामने आए हैं उनको भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।

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