झारखंड: नेता प्रतिपक्ष के रिक्त पद से संबंधित जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई

झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता के नहीं होने के कारण सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में देरी को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मुद्दे पर फैसला देने से पहले पीठ ने दो मुद्दे तय किए। इन दोनों मुद्दों पर अगली सुनवाई पर चर्चा की जाएगी।

खड़े हुए अहम सवाल
जानकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की खंडपीठ के सामने आया कि क्या हाईकोर्ट के पास ऐसी ताकत है कि वह नेता प्रतिपक्ष के न होने पर विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्तियों के लिए निर्देशित कर सकता है? और दूसरा यह कि क्या विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति में विधानसभा अध्यक्ष सूचना आयुक्त और अन्य अधिकारियों की नियुक्ति पर अपना निर्णय लंबित रख सकते हैं?

जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघ और एक अन्य याची राजकुमार ने इस मुद्दे पर अदालत में जनहित याचिका दाखिल की है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में देरी हो रही है। 

इस याचिका में एक दर्जन से ज्यादा संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्षों और सदस्यों के पद खाली होने पर सवाल खड़े करते हुए जरूरी कदम उठाने की मांग की गई है। दरअसल, झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। जिसके कारण राज्य की तमाम संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्षों और सदस्यों के पद रिक्त हैं। इस पदों पर नियुक्ति के लिए अंतिम निर्णय लेने वाली जो समिति होती है उनमें नेता प्रतिपक्ष भी सदस्य होते हैं। अब जबकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है ही नहीं, ऐसे में नियुक्ति से संबंधित समिति ही पूरी नहीं है। 

भाजपा ने दिया था बाबूलाल मरांडी का नाम
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को सूचित किया कि स्पीकर ने विधानसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा से अपने नेता का नाम देने का आग्रह किया है। महाधिवक्ता ने कहा कि भाजपा ने बाबूलाल मरांडी के नाम का प्रस्ताव रखा था जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि मरांडी दल-बदल विरोधी आरोपों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भाजपा का सदस्य नहीं माना जा सकता है।
इस दौरान, विधानसभा सचिव सैयद जावेद हैदर ने हाईकोर्ट को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने मरांडी के खिलाफ दल-बदल विरोधी आरोपों की सुनवाई पूरी कर ली है। जल्द ही इस पर फैसला जल्द आने की उम्मीद है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।

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