संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में झारखंड के शुभम उत्तीर्ण

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 के रिजल्ट को घोषित कर दिए गए। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में दुमका शहर के शुभम मोहनका ने देश भर में 196वीं रैंक हासिल किया है। शुभम मोहनका की इस सफलता से न केवल दुमका बल्कि झारखंड का मान बढ़ा है। शुभम मोहनका दुमका के प्रमुख व्यवसायी अरुण कुमार मोहनका के पुत्र हैं। बिट्स पिलानी के हैदराबाद कैंपस से कंप्यूटर साइंस से बीटेक शुभम मोहनका ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास की है। शुभम मोहनका के आईएएस बनने की खबर से दुमका में खुशी का माहौल है। शुभम बचपन से ही मेधावी रहे हैं। उन्होंने 10वीं की पढ़ाई मधुपुर के कार्मेल स्कूल से की थी जबकि 12वीं डीपीएस बोकारो से की। बीट्स पिलानी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद शुभम मोहनका को दो कंपनियों से नौकरी का ऑफर आया पर उन्होंने नौकरी नहीं कर आईएएस की तैयारी में जुट गए। पूर्व में भी वे इंटरव्यू तक पहुंचे थे। तीसरे प्रयास में वे अपना लक्ष्य पूरा करने में सफल रहे।

शुभम के पिता अरुण मोहनका का दुमका में है फूड प्रोसेसिंग प्लांट
शुभम मोहनका मूल रुप से मधुपर के रहने वाले हैं। अब मोहनका परिवार दुमका में बस गया है। दुधानी टावर चौक के पास गौरी रेसीडेंसी अपार्टमेंट में रहते हैं। शुभम के दादा स्व. केशरदेव मोहनका ने दुमका में व्यवसाय शुरु किया था। यहां कुलदीप सिंह रोड में संगम होटल और चूड़ा मिल से उन्होंने अपने व्यवसाय की नींव रखी थी। बाद में उनके दोनों बेटे अरुण मोहनका और अजय मोहनका ने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। शुभम मोहनका के पिता अरुण कुमार मोहनका का दुमका में फूड प्रोसेसिंग प्लांट है। चूड़ा, आटा और मसाला का उत्पादन करते हैं। शुभम मोहनका दो भाई हैं। बड़ा भाई इशांत मोहनका बिजनेस संभालते हैं। शुभम मोहनका के आइएएस की परीक्षा पास करने से उनकी दादी शारदा मोहनका,पिता अरुण मोहनका,मां बबीता मोहनका और बड़े भाई इशांत मोहनका के साथ ही उनके परिवार के शुभेच्छु सौरभ दारुका और नीरज कोटरीवाल काफी खुश हैं।

सोच सकारात्मक रखें, सफलता जरूर मिलेगी: शुभम मोहनका
196 वें रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले शुभम मोहनका ने कहा कि आप अगर अपनी सोच को सकारात्मक रखते हुए आगे बढ़ते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। शुक्रवार को सिविल सेवा का रिजल्ट आने के बाद दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के साथ बातचीत में शुभम मोहनका ने कहा कि यह कोई जरुरी नहीं कि आप 12-14 घंटे पढ़ कर ही यूपीएससी ब्रेक करें। कम घंटे भी पढ़ कर लगातार मेहनत करके और अपनी सोच को सकारात्मक रख कर आप सफल हो सकते हैं। शुभम ने अपने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछली दफा वे इंटरव्यू तक पहुंचे थे। पर वे सफल नहीं हो सके। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक उम्मीद के साथ आगे बढ़ते रहे। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान दुमका के ही आईएएस सौरभ भुवानियां(एसडीओ,मधुपुर) और आईआरएस विवेक मोदी से मार्गदर्शन मिला। शुभम ने बताया कि मेरी सफलता में मेरे पूरे परिवार का श्रेय तो है ही पर मेरे दोस्तों का भी कम योगदान नहीं रहा है। 

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