नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों की एक और वैक्सीन का रास्ता खुल सकता है. फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में 12-17 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल करने की अनुमति मांगी है. जॉनसन के अनुमति मांगने की खबर ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि बच्चों के लिए विकसित किए जा रहे कोविड-19 टीके को लेकर जारी अनुसंधान के नतीजे अगले महीने आ सकते हैं. उन्होंने कहा था कि यह टीका ‘बहुत जल्द’ उपलब्ध हो सकता है.
मंडाविया ने कहा था, ‘ हमारा उद्देश्य प्रत्येक नागरिक का टीकाकरण करना है. भारत सरकार पहले ही जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक को बच्चों के लिए कोविड-19 टीका विकसित करने के लिए अनुसंधान करने की अनुमति दे चुकी है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि उनके शोध के नतीजे अगले महीने आ जाएंगे. मुझे विश्वास है कि बच्चों के लिए टीके बहुत जल्द उपलब्ध होंगे.’
उधर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के बीच दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों के आंकड़े सितंबर तक आ सकते हैं.
जायडस कैडिला की जायकोव डी वैक्सीन पाइपलाइन में
इससे पहले सूत्रों ने दावा किया था कि जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की जायकोव डी वैक्सीन (Zycov-d Vaccine) को अनुमति दी जा सकती है. इस वैक्सीन का वयस्कों के साथ 12 से 18 साल के उम्र समूह के किशोरों पर भी इस टीके का परीक्षण किया गया है. बता दें डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की तीन खुराकें होंगी. इसे दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है और कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी.
देश के किसी भी हिस्से में जायकोव डी की खेप आसानी से पहुंचाई जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (NBM) द्वारा टीके को सहयोग मिला है.