महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से चले आ रहे उहापोह की स्थिति में आज तब बेहद अप्रत्याशित मोड़ आ गया जब बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पार्टी की ओर से समर्थन देने का ऐलान कर दिया. किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद ऐसा लग रहा था कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन एकनाथ शिंदे के हाथ में कुर्सी आ गई. देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रेस कांफ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने कई बातें कही. उनकी बातों के प्रमुख अंश को यहां पढ़ें-हमने जो कदम उठाया है वो किसी ने कुछ पाने के लिए नहीं किया है. यह सब एक विचार, बालासाहेब ठाकरे जी का हिंदुत्व और राज्य के विकास की बात है इसलिए हम यह एजेंडा लेकर आगे जा रहे थे.बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर 2019 में चुनाव लड़ा था. लेकिन उसके बाद जिस तरह से स्थितियां बदली, उससे हमें जनता को जवाब देना मुश्किल हो रहा था. विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी दिक्कत हो रही थी. इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा.शिवसेना के 40 विधायक और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 विधायक आज एक साथ हैं. हम लोग हमारे शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे जी की हिंदुत्व की जो भूमिका है उसको आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे है.देवेंद्र फडणवीस ने जो फैसला लिया, वह शिवसैनिकों का सम्मान है, संख्याबल के हिसाब से देवेंद्र फडणवीस जी को सीएम पद लेना चाहिए था. लेकिन यह उनका बड़प्पन है कि उन्होंने यह पद मुझे दिया.मुझे सीएम पद की लालसा नहीं है. दुर्भाग्य से मुझे ऐसा करना पड़ रहा है. फडणवीस जी ने हमपर भरोसा किया. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा को बहुत बहुत धन्यवाद.भले ही देवेंद्र फडणवीस सरकार में न हो लेकिन फडणवीस हमारे साथ हैं. फडणवीस जी ने उदारता दिखाई है. उनका पूरा सहयोग रहेगा. यह उनका बड़प्पन है कि उन्होंने मुझे मौका दिया.हमने 50 विधायकों के साथ लड़ाई लड़ी. जनता की ताकत सबसे बड़ी ताकत होती है. हमें जवाब देना था. हमने इसलिए ऐसा किया.आमतौर पर विपक्ष के लोग सत्ता पक्ष में जाते हैं. हम सत्ता पक्ष के हो के विपक्ष की ओर आए. हम 50 विधायकों के साथ विकास की बात की. लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई.हमने कहा हमारे लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन कुछ नहीं हुआ. हम मंत्री पहले से ही थे इसलिए हम कुछ पाने के लिए कुछ नहीं किया बल्कि विचारधारा के लिए किया.हम मजबूत सरकार बनाएंगे. राज्य को स्थायी सरकार मिलेगी. राज्य में केंद्र के सहयोग से बेहतरीन काम होगा. केंद्र आर राज्य मिलकर काम करेगी.